छत्तीसगढ़

सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति का आयोजन

Organization of Sarvdharmaarth Kalyan Seva Samiti

कोरबा। एमपी नगर दशहरा मैदान में सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के तत्वावधान में उपनयन संस्कार किया गया। मुख्य आचार्य के पंडित देवशरण दुबे ने कहा कि इस संस्कार से बालकों को शौर्य व ऊर्जा की प्राप्ति होती है। उपनयन संस्कार कार्यक्रम कोरबा जिला के शाखा प्रभारी पंडित डा. नागेन्द्र नारायण शर्मा एवं संस्थान के सदस्य पंडित योगेश पांडे, पंडित रामू तिवारी, पंडित गजेश तिवारी, पंडित अंकित पांडे, पंडित देवनारायण पांडे, पंडित प्रांजल पांडे, पंडित पुष्प राज दुबे, पंडित हर्ष नारायण शर्मा की देखरेख में कराया गया। हिंदू धर्मों के 16 संस्कारों में से 11वां संस्कार है उपनयन संस्कार। इसे यज्ञोपवित या जनेऊ संस्कार भी कहा जाता है। उपनयन संस्कार के विषय मे मुख्य आचार्य सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के संस्थापक पंडित देवशरण दुबे ने कहा की वैदिक धर्म में उपनयन 11वां संस्कार है। इस संस्कार में बटुकों को दीक्षा दी जाती है और यज्ञोपवित धारण कराया जाता है। यज्ञोपवीत का अर्थ है यज्ञ के समीप या गुरु के समीप आना। यज्ञोपवीत एक तरह से बालक को यज्ञ करने का अधिकार देता है। शिक्षा ग्रहण करने के पहले यानी, गुरु के आश्रम में भेजने से पहले बालक का यज्ञोपवीत किया जाता था। भगवान रामचंद्र व कृष्ण जी का भी गुरुकुल भेजने से पहले यज्ञोपवीत संस्कार हुआ था। इस अवसर पर निशा देव नारायण पांडे,गंगा समारू लाल साहू, लक्ष्मीन जागवत साहू, सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के संस्थापक पंडित देवशरण पंडित देवशरण दुबे, नीता दुबे ,बाल व्यास पंडित, सुयश दुबे, सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के कोरबा जिला शाखा प्रभारी डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा, रूपाली साहू, सुनीता साहू, पुरुत प्रसाद भगत, नेत्रनंदन साहू, कमल धारिया, मनोहर, हर्षित योगी, गोलू नामदेव, राघवेंद्र रघु वंशी, नागेन्द्र कमल, सिद्धराम शाहनी, राकेश इस्पात, स्नेहा मिश्रा व एमपी नगर महिला समिति के सदस्यों ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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