छत्तीसगढ़

शराब घोटाले मामले में आज चालान प्रस्तुत हुआ

Challan presented today in liquor scam case

रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2200 करोड़ से अधिक के शराब घोटाले मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एंटी करप्शन ब्यूरो (SEOIACB) के द्वारा दिनांक 1 जुलाई, सोमवार, को सवेरे 10 बजे इस मामले में आरोपी अरुणपति त्रिपाठी एवं अन्य गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ़ रायपुर के विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया हुआ।
SEOIACB सूत्रों के अनुसार प्रस्तुत किया जाने वाला यह चालान कुल 10 हजार पन्नों से अधिक का है। इस चालान में अरुणपति त्रिपाठी के अलावा अन्य गिरफ्तार आरोपी जिसमें प्रमुखता रायपुर महापौर के बड़े भाई अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस (IAS) अधिकारी अनिल टुटेजा एवं अन्य व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है।
यह ज्ञात हो कि दिनांक 21 जून, 2024 को यूपी पुलिस के एक एसटीएफ (STF) टीम के द्वारा अनवर ढेबर को  रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर से गिरफ्तार कर यूपी ले जाया गया था। अनवर ढेबर की गिरफ्तारी शराब घोटाले से संबंधित एक एफआईआर (FIR) से जुड़ी हुई है जिसे नोएडा पुलिस ने दर्ज किया था रायपुर ईडी के सहायक निदेशक स्तर के एक अधिकारी के एक शिकायत पर जो इस शराब घोटाले की जांच कर रहे हैं। यह शिकायत  शार्क घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम का मामला है। फिलहाल अनवर ढेबर यूपी के मेरठ के एक जेल में न्यायिक हिरासत में 1 जुलाई तक के लिए बंद हैं। यह बता दें कि कारोबारी अनवर ढेबर को SEOIACB ने 4 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में ही थे। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर अनवर ढेबर को ज़मानत मिली थी परंतु जैसे ही अनवर ढेबर ज़मानत पर रायपुर जेल परिसर से बाहर निकले यूपी एसटीएफ की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इस दौरान अनवर ढेबर के समर्थकों के बीच जम कर विवाद भी हुआ था। इसके उपरांत पुलिस कारोबारी ढेबर को सिविल लाइन थाने ले आई थी और यहां पर 21 जून की रात को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 19 जून की यूपी पुलिस ने ढेबर को स्थानीय कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लेकर रवाना हो गई थी। अगले दिन गुरुवार को टीम लखनऊ पहुंच गई थी और ढेबर को यूपी स्थित लखनऊ में एसटीएफ के दफ़्तर में ही रखा गया था। फिर शुक्रवार 21 जून को एसटीएफ की टीम ढेबर को लेकर मेरठ पहुंची थी और कोर्ट में पेश किया जहां यूपी एसटीएफ द्वारा ढेबर की पुलिस रिमांड नहीं मांगी गई। किंतु उसे सीधा ज्यूडिशियल रिमांड में जेल भेज दिया गया।
नकली होलोग्राम मामले में पिछले साल ईडी ने एफआईआर दर्द कराई थी। इसमें अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी, दो वरिष्ठ आईएएस जिसमें अनिल टुटेजा एवं निरंजन दास और अन्य लोगों का नाम था। आरोप लगाया गया था कि इन्होंने विदु गुप्ता की कंपनी को (प्रिज्म होलोग्राम) को फर्जी तरीके से होलोग्राम देने की शर्त पर टेंडर दिलवाया था। डिस्टलरी के ज़रिए अवैध शराब को सरकारी दुकानों से ही बिकवा कर कैश कलेक्शन करवाया गया। कमिशन कमाने के चक्कर में पत्र–विहीन कंपनी को होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया था। बाद में प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमिशन लिया गया था।
अगर SEOIACB के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कारोबारी अनवर ढेबर एवं अन्य आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं क्योंकि शराब घोटाले में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रथम चालान 1 जुलाई को संयोगवश अनवर ढेबर के न्यायिक हिरासत के खत्म होने के तारीख से टकरा रही है। तो यह कयास लगाया जा रहा है कि ढेबर अगर यूपी के मेरठ जेल से निकल कर आ भी जाएं तो चालान पेश होने की सूरत में उन्हें पुलिस पुनः गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जांच का हवाला देते हुए जेल भेज सकती है। क्योंकि इस मामले में अभी भी बहुत से अन्य गिरफ्तारियां बाकी है, ऐसे में ढेबर का बाहर रहना जांच को प्रभावित कर सकता है जो एक विधिसंगत आधार बनेगा उसे और भी लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में रखने के लिए।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि जैसे ही शराब घोटाले मामले में अन्य गिरफ्तारियां होंगी, SEOIACB के द्वारा अनुपूरक (सप्लीमेंटरी) चालान भी पेश किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button