छत्तीसगढ़

रोटी बैंक से मिट रही मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की भूख

Roti Bank is satisfying the hunger of mentally ill people

कोरबा । भूख से व्याकुल व्यक्ति को समय पर रोटी मिल जाए तो उसकी दुआ भगवान के आर्शीवाद से कम नहीं। शहर के मुख्य मार्गों के किनारे व भोजनालय अथवा होटल के सामने बेबस भूखे भिक्षुक व मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को अक्सर देखा जा सकता है। ऐसे जरूरतमंदों तक दोनों समय भोजन उपलब्ध कराने शहर में रोटी बैंक सेवा चल रही है। शहर में मानव सेवा से जुड़ी संस्था छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसायटी रोटी बैंक सेवा चला रही है। संस्था के दो कार्यकर्ता शिवा प्रतीक व मिहिर जहां दोनों समय सेवा में लगे रहते हैं। पेट की भूख को शांत रखने के लिए ही इंसान रात-दिन मेहनत करता है। फिर भी कई ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें दो समय की रोटी नसीब नहीं होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक सामाजिक संस्था ने इस दिशा में पहल करते हुए असक्षम लोगों को भरपेट खाना खिलाने का बीड़ा उठाया है। इस कार्य में सहयोग के लिए कोसाबाड़ी से लेकर सीतामढ़ी तक के 80 परिवार के लोग जुड़े हैं। सहयोगी परिवार की महिलाएं हर दिन दोनों समय स्वभाव से रोटी, चावल व सब्जी बनाकर संस्था को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए देती हैं। दोनों समय का भोजन एकत्रित कर कार्यकर्ता शिवा व मिहिर संस्था के सेवा आश्रम, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन, साप्ताहिक बाजार के शेड समेत अन्य जगह पर मौजूद जरूरतमंदों तक पहुंचते हैं।

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