छत्तीसगढ़

प्रदेश में बढ़ाई जा सकती है धान खरीदी की तारीख, आज शाम हो सकता है ऐलान

Paddy procurement date can be extended in the state, announcement can be made this evening

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के किसानों के लिए अच्‍छी खबर है। छत्‍तीसगढ़ में धान खरीदी की तारीख बढ़ाई जा सकती है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में धान खरीदी की तारीफ बढ़ाने जाने को लेकर संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि आज शाम तक सीएम साय इसकी घोषणा कर सकते हैं। छत्‍तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का ग्राफ प्रतिदिन ऊपर चढ़ता जा रहा है। बीते साल राज्य में हुई 107.53 लाख टन धान की खरीदी का रिकार्ड पहले ही टूट चुका है। राज्य में अब तक 133.88 लाख टन धान की खरीदी हो चुकी है, जो कि बीते साल की तुलना में लगभग 27 लाख टन अधिक है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए अभी दो दिन और बाकी है। प्रतिदिन औसतन साढ़े तीन लाख टन धान की खरीदी हो रही है। इस साल धान खरीदी की मात्रा 140 लाख टन के पार होने की उम्मीद है। राज्य में इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी का परिपालन सुनिश्चित करते हुए किसानों से प्रति एकड़ के मान से 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। किसानों से चालू विपणन वर्ष में 29 जनवरी तक 133.88 लाख टन धान खरीदी के एवज में उन्हें 28 हजार 104 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 23 लाख 68 हजार 810 किसान धान बेच चुके हैं। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के राज्य में 26 लाख 85 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग भी समानांतर रूप से जारी है। मिलर्स द्वारा खरीदी केंद्रों से धान का उठाव लगातार किया जा रहा है। अब तक 101 लाख 85 हजार 181 टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 91 लाख 13 हजार टन धान का उठाव किया जा चुका है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने धान खरीदी की तारीख एक महीना और आगे बढ़ाए जाने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि अभी तक प्रदेश के पांच लाख से अधिक किसान ने अपना धान नहीं बेचा है। ऐसे में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ानी चाहिए। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के मुताबिक यह लक्ष्य बढ़कर 150 लाख टन हो जाएगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने कम से कम एक महीने धान खरीदी और बढ़ानी चाहिए। मौसम की खराबी का बहाना बनाकर अनेकों संग्रहण केंद्रों में तौलाई रोक दी गई है। टोकन जारी करने में लेटलतीफी है। तौलाई की धीमी रफ्तार व बारदानों की कमी के चलते किसान अपना धान नहीं बेच पाए हैं।

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