छत्तीसगढ़

देशभर के टाप 100 में चार हमारे बाल विज्ञानियों का आविष्कार

Inventions of four of our pediatricians in top 100 across the country

बिलासपुर। आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल के बाल विज्ञानियों ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। नीति आयोग के निर्देश पर अटल टिंकरिंग लैब मैराथन का परिणाम गुरुवार को घोषित किया है। देशभर में संचालित अटल टिंकरिंग लैब के बाल विज्ञानियों के आविष्कार को इसमें शामिल किया गया था। नीति आयोग ने देशभर के चुनिंदा 100 आविष्कारों की सूची जारी की है। इसमें चार आविष्कार हमारे बाल विज्ञानियों का है। छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है, इसमें भी बिलासपुर हायर सेकेंडरी स्कूल जहां के चार आविष्कार को टाप 100 में जगह मिली है। खास बात कि अटल टिंकरिंग लैब के बाल विज्ञानियों ने कबाड़ से जुगाड़ की तर्ज पर इन आविष्कारों को जन्म दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटलजी व पूर्व राष्ट्रपति व प्रसिद्ध विज्ञानी डा अब्दुल कलाम के नाम को बाल विज्ञानियों ने रौशन किया है। नाम के अनुरूप डा कलाम क्लब के बाल विज्ञानियों ने अपने मेहनत के दम पर देशभर में ख्याति अर्जित की है। नवाचार को बढ़ावा देने के साथ ही सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मन में जिज्ञासा पैदा करने के साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है। छत्तीसगढ़ के तकरीबन 300 से अधिक निजी व सरकारी स्कूलों में एटीएल का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दयालबंद गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल स्थित एटीएल के बाल विज्ञानी कर रहे हैं। अपनी प्रतिभा और नवाचार के दम पर देश के साथ ही विदेश में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। बाल विज्ञानियों की प्रतिभा को निखारने के लिए नीति आयोग के निर्देश पर अटल टिंकरिंग लैब के बैनर तले प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। दूसरे चरण में देशभर से 19 हजार आविष्कारों को शामिल किया गया था। इनमें से मैराथन के लिए 350 प्रोजेक्ट का चयन किया गया था। गुरुवार को एटीएल ने देशभर में टाप 100 प्रोजेक्ट की सूची जारी कर दी है। इसमें गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बिलासपुर के बाल विज्ञानियों के चार प्रोजेक्ट को जगह मिली है।
ऐसा रहा प्रदर्शन
पांचवा स्थन-जलकुंभी खेती
आमतौर पर तालाबों या फिर अन्य जगह पर जलकुंभी को पानी में तैरते देखा जा सकता है। इसे हम और आप अनुपयोगी मानते हैं। एटीएल के बाल विज्ञानियों ने अनुपयोगी जलकुंभी को लाखों का बना दिया है। इसके जरिए खेती की जा रही है। बाल विज्ञानियों ने अपने प्रोजेक्ट में नीति आयोग को बताया कि वर्ष 2028 तक देश में जलकुंभी से बनने वाले उत्पादों की कीमत चार मिलियन डालर तक जाएगी। या यूं कहें कि चार मिलियन डालर का मार्केट होगा। बाल विज्ञानियों ने जलकुंभी से फिनाइल का निर्माण किया है। इसके अलावा दोना पत्तल का निर्माण एमआइटी पुणे में एटीएल के बाल विज्ञानियों ने किया है। जलकुंभी से लेडिज पर्स के अलावा जूती व चप्पल का निर्माण किया है।
13 वां स्थान, अटल फ्लाइंग मशीन द्रोण
द्रोण के जरिए किसान आधुनिक खेती करेंगे। आमतौर पर खेतों में फसल तैयार होता है तब किसान सहजता के साथ खेतों में नहीं उतर पाता, कीट प्रकोप के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल पाती। द्रोण यह सब करेगा और किसान को जानकारी भी देगा। इसके जरिए फसलों में दवाओं का छिड़काव भी आसानी के साथ होगा।
16 वां स्थान, सोलर टाय ट्रेन,
बाल विज्ञानियों ने चिड़िया घरों में परिवार के साथ जाने वाले बच्चों के मनोरंजन के लिए सोलर टाय ट्रेन का आविष्कार किया है। यह ट्रेन सोलर के जरिए चलता है। 400 वाट सोलर पैनल से तीन डिब्बों वाला टाय ट्रेन को तीन घंटे तक सहजता के साथ चलाया जा सकता है। बाल विज्ञानियों ने बताया कि सोलर पैनल की क्षमता बढ़ाने की स्थिति में इसे और ज्यादा समय तक चलाया जा सकेगा।
36 वां स्थान, डाक्टर रोबो
कोरोना संक्रमण काल से सबक लेते बाल विज्ञानियों ने डाक्टर रोबोट का आविष्कार किया है। रोबोट के जरिए डाक्टर मरीज के पास जाए बिना और उसे छुए बिना स्वास्थ्य की जांच कर सकेंगे। यह रोबोट डाक्टर के निर्देश पर मरीज के पास जाएगा। उसे दवा देगा और दवा खिलाने का काम भी करेगा।
ऐसे बनी टाप 100 की सूची
दूसरे चरण में एटीएल ने देशभर के 19 हजार प्रोजेक्ट का चयन किया था। इसमें से 350 प्रोजेक्ट की सूची बनाई गई। इसके बाद इसे देशभर की चुनिंदा तकनीकी कंपनियों के हवाले किया गया। डेल, एआइसी, एमआइटी जैसे नामी कंपनियों के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में बाल विज्ञानियों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट में व्यावसायिक दृष्टिकोण से जरूरी बदलाव किया गया। बदलाव के बाद बाल विज्ञानियों की तकनीकी दक्षता की परीक्षा ली गई। पूरी प्रक्रिया के लिए दो महीने का समय तय किया गया था। इस दौरान बाल विज्ञानियों की ट्रेनिंग भी हुई। इसके बाद टाप 100 प्रोजेक्ट की सूची घोषित की गई है।
वर्जन
एटीएल ने देशभर के चुनिंदा टाप 100 प्रोजेक्ट की सूची गुरुवार को जारी कर दी है। इसमें गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल दयालबंद के बाल विज्ञानियों के चार प्रोजेक्ट को टाप 100 में जगह मिली है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। स्कूल की प्राचार्या डा चंदनापाल अटल टिंकरिंग लैब के बाल विज्ञानियों को नवाचार के लिए लगातार प्रोत्साहित करती हैं। अच्छे परिणाम के पीछे यह भी बड़ा कारण है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button