छत्तीसगढ़
ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए जन जागरूकता अभियान
Public awareness campaign for safety of women passengers in trains
रेलवे सुरक्षा बल के जवान इस अभियान में वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान (अप्रैल 23 से मार्च -2024 तक) 19794 यात्री गाड़ियो में एक लाख 51 हजार 979 रेल यात्रियो की मदद की ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सफलतापूर्वक चलाया जा है “मेरी सहेली अभियान
इस अभियान से महिला यात्रियों में सुरक्षा की भावना तथा आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है
रायपुर/बिलासपुर:-महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए रेल मंत्रालय ने महिलाओं के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं। ये प्रयास मुख्य रूप से महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने महिलाओं, विशेष रूप से चयनित लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले या बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ “मेरी सहेली”, “ऑपरेशन मातृशक्ति” आदि जैसी कई पहल शुरू की हैं । ‘मेरी सहेली’ टीमें लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की ट्रेन यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति पर त्वरित प्रतिक्रिया देकर, प्रारंभिक बिंदु से उनके अंतिम गंतव्य तक सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। वर्तमान में, महिला आरपीएफ कर्मियों से युक्त 230 से अधिक समर्पित “मेरी सहेली” टीमों को देश भर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किया गया है, जो 400 से अधिक ट्रेनों को कवर करती हैं और हर दिन औसतन चौदह हजार से अधिक महिला यात्रियों को सहायता प्रदान करती हैं । यह पूरे भारत में महिलाओं के लिए ट्रेन यात्रा को सुरक्षित बनाने की पहल के समर्पण और प्रभावशीलता को रेखांकित करता है। ये टीमें यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और संकट की स्थिति में सहायता प्राप्त करने के लिए उपलब्ध चैनलों के बारे में जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में मेरी सहेली की 13 टीम कार्यरत है, जो कि 13 अलग-अलग ट्रेनों को कवर करती है । रेलवे सुरक्षा बल की मेरी सहेली टीम में महिला कांस्टेबल से लेकर महिला सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर शामिल है । महिला आरपीएफ कर्मी ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं । यह गर्व की बात है कि समस्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में रेलवे सुरक्षा बल में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक है । नई भर्ती की गई महिलाओं को उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए ‘मेरी सहेली’ टीमों में शामिल किया जा रहा है । आरपीएफ की महिला कर्मी न केवल महिला रेल यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि मुसीबत में महिला यात्रियों की मदद भी करती हैं । आरपीएफ की महिलाकर्मी “ऑपरेशन मातृशक्ति” के तहत इन महिलाओं की गोपनीयता की रक्षा करते हुए उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक बच्चे के जन्म की सुविधा प्रदान करती हैं । भारतीय रेलवे में आरपीएफ ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक ट्रेनों या रेलवे परिसरों में प्रसव के 130 ऐसे मामलों में सहायता प्रदान की है । इस वर्ष दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 19794 ट्रेनों में लगभग 1 लाख 51 हजार अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रियों को “मेरी सहेली” की टीम ने सहायता पहुंचाई । इसमें बिलासपुर रेल मण्डल में 7040 ट्रेनों में 67911 महिला यात्री, रायपुर रेल मण्डल में 7945 ट्रेनों में 70790 महिला यात्री तथा नागपुर रेल मण्डल 4809 ट्रेनों में 13278 महिला यात्री शामिल हैं । भारतीय रेल का यह कदम ट्रेन के सफर को महिलाओं के लिए बेहद सुरक्षित बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है । इस अभियान से महिला यात्रियों में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ी है । इस अभियान से महिला यात्री अपने गन्तव्य तक सुरक्षित महसूस करते हुए आत्मविश्वास के साथ यात्रा कर रही है ।