छत्तीसगढ़

आधी रात सरगुजा पुलिस ने कहा- प्रधान आरक्षक को नहीं किया गया है लाइन अटैच

Surguja police said at midnight - line has not been attached to the head constable

अंबिकापुर। महिला व बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जेठ बताकर पुलिसकर्मियों से हुज्जतबाजी का वीडियो सामने आने के बाद सरगुजा पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है। वीडियो वायरल होने के बाद भी सरगुजा पुलिस के अधिकारी पूरे मामले में चुप्पी साध रखे थे।

बस स्टैंड पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी देवनारायण नेताम को सोशल मीडिया पर मिल रहे समर्थन ने सरगुजा पुलिस को भी बैकफुट पर ला दिया। आधी रात सरगुजा पुलिस ने मीडिया से एक सूचना साझा की। पुलिस का दावा है कि प्रधान आरक्षक देवनारायण नेताम को पुलिस लाइन अटैच नहीं किया गया है।

दायित्वों के प्रति सजग प्रधान आरक्षक से हुज्जतबाजी करने वाले मंत्री के कथित रिश्तेदार के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय सरगुजा पुलिस के आलाधिकारियों द्वारा प्रधान आरक्षक को ही लाइन अटैच कर दिए जाने की खबरों ने आमजन को उद्वेलित कर दिया था।
सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास

सरगुजा पुलिस के इस निर्णय के विरोध में सोशल मीडिया पर लोग अपनी भड़ास निकाल रहे थे। इससे पुलिस की न सिर्फ किरकिरी हो रही थी बल्कि राजनेताओं के दबाब में सरगुजा पुलिस द्वारा कार्य करने का आरोप भी लग रहा था।

सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि वीडियो प्रसारित होने के बाद भी सरगुजा पुलिस के आलाधिकारियों ने इसे हल्के में लिया। पुलिस की ओर से कोई अधिकृत जानकारी भी साझा नहीं की गई कि प्रधान आरक्षक की शिकायत पर पुलिस की ओर से क्या कार्रवाई की गई? जब मामले ने तूल पकड़ा और राजधानी रायपुर तक बात पहुंची तो पुलिस पर दबाब बढ़ा।
लाइन अटैच नहीं किया गया

रात 12:37 बजे पुलिस को मीडिया के वॉट्सएप ग्रुप में सूचना सार्वजनिक करनी पड़ी कि प्रधान आरक्षक को लाइन अटैच नहीं किया गया है। बहरहाल यह मामला दूसरे दिन भी इंटरनेट मीडिया की सुर्खियों में रहा। शराब सेवन कर धौंस दिखाने वालों पर कार्रवाई के बजाय बस स्टैंड पुलिस सहायता केंद्र के प्रधान आरक्षक को ही अन्यत्र भेज देने के निर्णय पर भी लोग सवाल उठाते रहे।

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