छत्तीसगढ़

अब हमे भी भाने लगे है विदेशी फ्रूट के स्वाद, बाजार है इनसे गुलजार

Now we have also started liking the taste of foreign fruits, the market is buzzing with them.

बिलासपुर। जब से वैश्विक बाजार के रास्ते सरल व सुबोध हुआ है, तब से हम भी देशी के साथ विदेशी व्यंजन, फल आदि का स्वाद चखने लगे है। विदेशी व्यंजन का स्वाद तो अब पुराना हो चुका है, वही अब विदेशी फल का स्वाद भी जीभ में चढ़ते जा रहा है। अब ज्यादातर लोग देशी फलों के साथ विदेशी फलों का स्वाद भी चखने लगे है। इसी वजह से अब वियतनाम की ड्रेगन फ्रूट, थाईलैंड की ईमली, न्यूजीलैंड की कीवी के साथ ही एवोकैडो, मैंगो स्टीम, पियर्स, माल्टा आरेंज, ब्लू बैरी भी फल बाजार में सामान्य रूप से नजर आने लगे है। वैसे तो हमारा मुख्य फल आम है, जो सबसे ज्यादा स्वादिष्ट रहता है, जिसका कोई मुकाबला नहीं है, हमारे आम विदेशियों को बहुत पसंद आते है, इसलिए विदेशों में बड़ी मात्रा में इसका निर्यात किया जाता है। ठीक इसी तरह विदेशों के भी कुछ खास फल होते है, जिन्हें भी दुनियाभर में पसंद किए जाते है, जो भी अन्य देशों में भेजे जाते है, ठीक इसी तरह हमारे देश के लोग भी विदेशी फल को पसंद करने लगे है, इसी वजह से बिलासपुर के फल बाजार में विदेशी फल बड़ी तदाद में आने लगे है। इनमे ड्रेगन फ्रूट, कीवी, एवोकैडो, मल्टा आरेंज, पियर्स, मैगो स्टीम, थाईलैंड की ईमली, ब्लू बेरी, चेरी के साथ अन्य फल प्रमुख है। धीरे-धीरे इनका बाजार बढ़ता ही जा रहा है। अनिल फ्रूट भंडार के संचालक अनिल बताते है कि बाजार में विदेशी फ्रूट तकरीबन दस साल से आ रहा है, लेकिन शुरूआत में इनका बाजार बड़े शहरों तक ही सीमित रहा। लेकिन इसके बाद विदेशी फल देश के सभी शहरों में पहुंचने लगा। वही अब दो-तीन साल से अपने शहर में बड़े तेजी से इन फलो का चलन बढ़ता जा रहा है। हालाकि ये कुछ महंगे भी होते है, लेकिन इनका स्वाद लजीज होता है, इसी वजह से विदेशी फल लोगों के जुबान में चढ़ता ही जा रहा है और दिनोदिन इसकी मांग बढ़ते ही जा रही है।

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