छत्तीसगढ़

अंबिकापुर में ठेकेदार व सप्लायर अशोक अग्रवाल के घर पहुंची ईडी की टीम

ED team reached the house of contractor and supplier Ashok Aggarwal in Ambikapur.

अंबिकापुर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने अंबिकापुर के रामनिवास कालोनी स्थित व्यवसायी,ठेकेदार व सप्लायर अशोक अग्रवाल के निवास महावीर विला में दबिश दी है। अशोक अग्रवाल मूलतः बलरामपुर जिले के राजपुर के रहने वाले हैं लेकिन कुछ वर्षों में अंबिकापुर में परिवार के सदस्यों के साथ निवास करते है। डीएमएफ घोटाले के अलावा मनी लांड्रिंग को लेकर अशोक अग्रवाल के घर जांच की जा रही है। शुक्रवार सुबह रायपुर नंबर की दो वाहनों से केंद्रीय सुरक्षा बलों को साथ लेकर ईडी के अधिकारी अंबिकापुर पहुंचे और सीधे अशोक अग्रवाल के घर दबिश दी। ईडी के अधिकारी अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। घर के सामने और पिछले हिस्से में केंद्रीय सुरक्षा बलों के हथियारबंद जवानों को तैनात कर अधिकारी भीतर दस्तावेजों के अलावा डिजिटल उपकरणों की जांच कर रहे है। अशोक अग्रवाल ठेकेदारी के अलावा शासकीय आपूर्तिकर्ता भी हैं। उनका राजपुर में व्यवसाय भी है। राजनेताओं से उनकी नजदीकियां हैं। भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के साथ नजदीकियों के कारण शासकीय निर्माण व आपूर्ति में इनकी मजबूत पकड़ रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के दौरान भी इनकी नजदीकियां भाजपा नेताओं से थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने पर इनका झुकाव कांग्रेस की ओर भी देखा गया था। पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से भी इनके संबंधों की खबरें आती रहती थी। राजपुर में कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में अशोक अग्रवाल ने भगत को बतौर अतिथि आमंत्रित भी किया था। इतना ही नहीं पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में भी तत्कालीन मंत्रियों से उनके मधुर संबन्ध थे। कांग्रेस शासनकाल में डीएमएफ के अलावा विधायकों के सम्पर्क से भी इन्होंने सप्लाई तथा बोर खनन का कार्य किया था। विधानसभा चुनाव में भी सामरी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों से इनके नजदीकियों और प्रचार अभियान में भी बराबरी का साथ देने की खबरें आई थी। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में शासकीय स्तर पर बोर खनन का इनके पास लंबा काम है। यह कार्य कुछ विधायकों की अनुशंसा पर ही मिला है। सरगुजा संभाग के कुछ ब्लाकों में मनरेगा के कार्य मे भी इनकी संलिप्तता है। मजदूरों के बजाय मशीनों से काम कराए जाने की शिकायतें सामने आ रही है। ग्राम पंचायतों में बिजली व्यवस्था का लंबा काम भी इन्होंने किया था। सरगुजा के अलावा बस्तर संभाग में भी करोड़ों का काम किए जाने के कारण ये चर्चा में आए थे। विधानसभा चुनाव के समय मनी लांड्रिंग की शिकायतें भी हुई थी। खबर है कि डीएमएफ और मनी लांड्रिंग के आधार पर अशोक अग्रवाल के यहां ईडी की टीम पहुंची हैं। सत्ता के साथ जुड़े रहने को लेकर भी व्यवसायी व ठेकेदार अशोक अग्रवाल हमेशा से सुर्खियों में रहे हैं। छत्तीसगढ़ में जिस पार्टी की सरकार रहती हैं उनके राजनेताओं से संबंधों को भुनाने के कारण भी प्रतिस्पर्धीयों के निशाने पर रहने वाले अशोक अग्रवाल सामरी विधानसभा क्षेत्र में जरूरतमंदों को जरूरत की सामग्री वितरण के कारण खुद को समाजसेवी के रूप में भी प्रचारित करने का प्रयास करते रहें है। इतना ही नहीं धार्मिक और सामाजिक,सांस्कृतिक गतिविधियों में भी इनका योगदान रहता है।

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