महिलाओं के बैंक अकाउंट का ऑनलाइन सट्टे में करती थी इस्तेमाल
Women's bank accounts were used for online betting.
रायपुर। राजधानी रायपुर की सैकड़ों महिलाओं के बैंक खाते से ब्लैक मनी को खपाने के मामले में जांच का दायरा अन्य जिलों में बढ़ सकता हैं। बैंक खातों का उपयोग महादेव सट्टा एप में किया गया है। आरोपिता ने कमीशन पर खाते बेचे थे। पुलिस अब उनकी भी तलाश कर रही है। पुलिस ने आरोपित शोभा ठाकुर के इंटरनेट मीडिया अकाउंट को खंगाला गया।
दूसरे जिलों में भी इसी तरह महिलाओं की बैठकें लेने के तथ्य सामने आए हैं। फेसबुक अकांउट में धमतरी, महासमुंद, दुर्ग और राजनांदगांव में महिलाओं की बैठकें लेने का फोटो डाला है। अब पुलिस इसके लिए दूसरे जिलों के पुलिस अधिकारियों से जानकारी जुटा रही है। शोभा ठाकुर ने 2023 में रायपुर के दक्षिण विधान सभा का चुनाव भी लड़ा था। उसे 90 वोट मिले थे।
पुलिस जांच में पाया गया कि माह जनवरी 2024 में शोभा ठाकुर ने बस्तियों और बीएसयूपी कॉलोनी की महिलाओं को अपने झांसे में लिया। शोभा ठाकुर ने अपना परिचय नारी शक्ती संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में दिया। कॉलोनी में रहने वाली महिलाओं की बैठक लेकर यह योजना बताई। योजना में सिलाई, आचार बनाना, खाद्य पदार्थ पैकिंग करने जैसे और भी रोजगार उपलब्ध कराने का दावा किया। इसके एवज में बैंक खाते में पैसा भुगतान करने का झांसा दिया था।
ऐसे हुआ राजफाश
एक माह महिलाओं को कोई रोजगार नहीं मिला। सभी महिलाएं नारी शक्ति के कार्यालय भाठागांव पहुंची। जहां आरोपिता नहीं मिली। महिलाओं को संदेह होने पर बैंक जाकर जानकारी ली तब पता चला कि उनके खाते से लाखों का लेनदेन हुआ है।
शोभा ठाकुर ने महिलाओं के नाम पर कर्नाटका बैंक में अकाउंट खुलवाया है, जिसमें 15 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन अब तक किया गया है। थाने में अभी केवल 14 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई है। शोभा के रजिस्टर में तीन सौ से ज्यादा महिलाएं सदस्य हैं। बैंक में ट्रांजेक्शन का आंकड़ा बढ़ सकता है।
संतोषी नगर निवासी शेख जलालुद्दीन उनकी पत्नी और एक अन्य महिला सोनिया अग्रवाल ने सोहेल नामक व्यक्ति के खिलाफ सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शेख जलालुद्दीन ने अनुसार सोहेल ने संतोषी नगर, संजय नगर तथा भाठागांव की सैकड़ों महिलाओं के नाम से सिविल लाइन स्थित एयू बैंक में अकाउंट खुलवाया है। घर बैठे रोजगार दिलाने का झांसा देकर उनके नाम से अकाउंट खुलवाकर एटीएम और पास बुक अपने पास रख लिए गए। जिनके नाम पर खाते खोले गए हैं उनमें 40 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है।