सरकारी अस्पताल देवभोग में 6 नन्हे फरिश्तों की गूंजी किलकारी
The sound of 6 little angels chirping in the government hospital Devbhog
15 घंटे के भीतर 6 महिलाओं की हुई सफल डिलीवरी
सभी 6 नवजात स्वस्थ, शिशुओं का स्वास्थ्य जांच कर किया गया आवश्यक टीकाकरण
जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं हो रही सुदृढ़, सेवाओं का हो रहा विस्तार
दरअसल देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 21 सितंबर दोपहर 1.30 बजे से 22 सितंबर के दोपहर 3 बजे तक 15 घंटे में 6 सुरक्षित प्रसव कराया गया। शुरू के डेढ़ घंटे में ही 4 प्रसव करा लिए गए थे। 15 घंटे के भीतर 6 महिलाओं की सफल डिलीवरी जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवभोग के डॉक्टरों की टीम ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई। साथ ही एक दूसरे का हौसला अफजाई भी किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गार्गी यदु पाल के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में डॉक्टरों की टीम ने विशेष रणनीति बनाकर महिलाओं की सफल डिलीवरी करने में विशेष भूमिका निभाई। इस उपलब्धि के लिए कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल ने डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टाफ की टीम को बधाई देते हुए जिले में निरंतर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही गंभीरता एवं सक्रियता पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मेडिकल टीम की प्रशंसा भी की।
उल्लेखनीय है कि राज्य के मैदानी सहित दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में भी सक्रियता के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। गांवों में स्थित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित की गई हैं। साथ ही आवश्यक मेडिकल जांच एवं निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध की गई है। जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। साथ ही डॉक्टर एवं मेडिकल टीम भी सक्रिय होकर काम कर रही हैं। जिससे लोग शासकीय अस्पतालों में उम्मीदों एवं विश्वास के साथ इलाज कराने आ रहे हैं। इसके फलस्वरूप लोगों को अपने गांव के आसपास ही शासकीय अस्पतालों में आसानी से मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पा रहा है। इसके अलावा समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कैंप लगाकर भी वनांचल गांवों में लोगों का आवश्यक स्वास्थ्य जांच एवं इलाज किया जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व स्वास्थ्य जांच तथा समय-समय पर टीकाकरण भी सक्रियता के साथ किया जा रहा है। साथ ही शिशुवती माताओं को आवश्यक पूरक पोषण आहार भी प्रदान किया जा रहा है। इसके फलस्वरूप संस्थागत प्रसव को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। साथ ही लक्ष्य पूरा करने में सफलता मिल रही है। प्रति माह 9 व 24 तारीख को गर्भवती दिवस मनाया जाता है। जिसमे गर्भवती माताओं की पूरी जांच के अलावा उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है।