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रायपुर में अफसरों पर बरसे आईजी, पेंडिंग मामले निपटाने को दिया टारगेट

रायपुर। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने रविवार को जिले समेत रेंज के सभी पुलिस अफसरों की बैठक ली है। इस बैठक उन्होंने अधिकारियों को पेंडिंग मामले जल्द निपटाने के निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों को 7 दिन, 1 महीने और 2 महीने में पेंडिंग मामलों को निराकरण करने के लिए टारगेट दिया गया है।
उन्होंने ने कहा कि थाने में आने वाली शिकायतों की जांच कर नए क्रिमिनल लॉ के तहत करें। वहीं बेल के प्रकरणों की नियमित मॉनिटरिंग करते रहे। साथ ही अपराधी पर निगाह रखने और आगामी विधानसभा सत्र के दौरान वीआईपी प्रवास और कानून व्यवस्था की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
रायपुर केंद्रीय जेल में बंद बंदियों का भी पुलिस वारंट तामील नहीं करवा पा रही है। पुलिस उनके घर पर जाकर तलाश कर रही है, जबकि वारंटी कई माह से जेल में बंद है। पुलिस को इसकी भी जानकारी नहीं है। ये जानकारी मिलने पर आईजी अमरेश मिश्रा ने नाराजगी जताई है।
जेल में 10 बंदियों का नाम गिनाए
उन्होंंने जेल में 10 बंदियों का नाम गिनाए, जिनकी तलाश अलग-अलग थानों की पुलिस कर रही है। लेकिन संबंधित थाने के टीआई से लेकर सीएसपी और एएसपी को भी इसकी जानकारी नहीं कि वे जेल में हैं। आईजी इसी वजह से अफसरों पर बिफरे। उन्होंने कहा कि कम से कम इतनी जानकारी तो होनी चाहिए।
आईजी ने निर्देश दिया है कि सीएसपी और एएसपी अपनी जिम्मेदारी समझें। एक सिपाही को एक बदमाश की निगरानी की जिम्मेदारी दें। ताकि वह उस पर नजर रख सके। आईजी ने अगले एक साल की कार्य योजना सभी थानेदार और अधिकारियों को दी है।
उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि अगर किसी भी थाने में पैसा लेकर एफआईआर की शिकायत मिली तो टीआई पर कार्रवाई की जाएगी। राज्य के नए डीजीपी अरुण देव गौतम ने निर्देश दिया है कि किसी भी फरियादी या पीड़ित से मामला-मुकदमा के लिए पैसा नहीं लेना नहीं चाहिए।
राजसात गाड़ियों का करें उपयोग
आईजी ने निर्देश दिया है कि गांजा, शराब, अफीम, नशीली दवा और गौ तस्करी में गाड़ियों को राजसात किया जाए। ऐसी गाड़ियों का लंबे समय तक निराकरण नहीं होने पर उन गाड़ियों का उपयोग किया जाए।
इसके साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए शराब पीकर वाहन चलाने, तेज रफ्तार वाहन चलाने, अवैध पार्किंग, बिना हेलमेट और अवैध पार्किंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा।
IG ने लंबित मर्ग और अपराधों के निराकरण के लिए 7 दिन, 1 माह और 2 माह की समय सीमा निर्धारित की है। शिकायतों की जांच करके नए क्रिमिनल लॉ के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने और महत्वपूर्ण मामलों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए।

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