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निर्विघ्न निर्वाचन के लिए मास्टर ट्रेनर की भूमिका महत्वपूर्ण : कलेक्टर

बैकुण्ठपुर। निष्पक्ष निर्वाचन के लिए मानव संसाधन तैयार करने वाले मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका हमेशा सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। मानव संसाधन प्रशिक्षण सत्रों के दौरान पीठासीन अधिकारियों और अन्य निर्वाचन अधिकारियों को आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार ही निर्वाचन की गतिविधियों को मतदान केंद्रों में संचालित किया जाएगा इसलिए आप पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएं कि जो निर्वाचन की प्रक्रिया में एसओपी निर्धारित है वही जानकारी आप प्रशिक्षण में बताएं।
उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए कोरिया कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने जिले के मास्टर ट्रेनरों को प्रोत्साहित किया। जिला पंचायत कोरिया के मंथन कक्ष में आज जिले के 40 मास्टर ट्रेनरों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण सत्र के आरंभ में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी चंदन त्रिपाठी ने कहा कि कोरिया जिले में एक नगर पंचायत तथा पूरे जिले में दो चरणों में पंचायतों के चुनाव कराए जाएंगे। नगरीय निकाय का चुनाव इस बार एम2 सीरीज की ईवीएम से कराए जाने हैं इसलिए सभी मास्टर ट्रेनर इसे पूरी तरह से जान लें और कई बार उपयोग करके समझ लें ताकि जब आप दलों के प्रशिक्षण हेतु जाएं तो आप पूरी तरह से अभ्यस्त और जानकार रहें। पंचायतों के निर्वाचन के संबंध में मार्गदर्शन देते हुए उन्होने कहा कि यह बेहद गंभीर और कठिन प्रकृति का चुनाव होता है क्योंकि जीत हार का अंतर काफी कम होता है इसलिए मतपत्रों के गिनती के समय सही गलत मतपत्रों का चयन करने में पूरी सावधानी बरती जाए। स्थानीय स्तर पर ज्यादा संलग्नता होने के कारण यह जटिल हो जाता है इसलिए प्रत्येक प्रशिक्षण में प्रत्येक प्रक्रिया का पालन नियमानुसार किया जाए। यह प्रत्येक मतदान दल को अच्छी तरह से समझाना आपकी जवाबदेही है।
मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण सत्र के आरंभ में जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि आसन्न निर्वाचनों को सफलता पूर्वक संपन्न कराने के लिए आप मानसिक तौर पर तैयार हो जाएं। किसी भी जानकारी को तभी साझा करें जब आप स्वयं पूरी तरह से आश्वस्त हों और यह निर्धारित मानक प्रक्रिया में लिखा हुआ हो। आपकी बताई गई जानकारी तत्काल नीचे तक प्रवाहित होगी इसलिए प्रत्येक जानकारी साझा करने के पहले जांच परख लें। मास्टर ट्रेनरों की विगत निर्वाचनों में सफल भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार भी हम मास्टर ट्रेनरों के छोटे छोटे दल बनाकर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के साथ नियुक्त करेंगे ताकि निर्वाचन दिवस यदि किसी भी तरह की कोई आपात स्थिति आती है तो निर्वाचन सुचारू ढंग से संपादित कराया जा सके। डॉ चतुर्वेदी ने मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण के दौरान विशेष तौर पर निर्वाचन कार्य करा पाने में अक्षम कर्मचारियों को सूचीबद्ध करने और उसे जिला स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया। इस प्रशिक्षण सत्र में जिले के 40 मास्टर ट्रेनर उपस्थित हुए।

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