छत्तीसगढ़

DPM राजीव बघेल का कारनामा, ड्राइवर ने शराब लाने से किया इंकार तो थमाया नोटिस, परेशान वाहन चालक ने लगाई गुहार

DPM Rajeev Baghel's action, when driver refused to bring liquor, notice was served, upset driver pleaded

सरकारी खर्चे पर बच्चों को स्कूल छोड़ने और घुमाने का दबाव, अपने घर का निजी काम भी करवाता है DPM, सीएमएचओ कार्यालय में मनमानी से कर्मचारी भी परेशान 
नारायणपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में एक बोलेरो वाहन चालक के शोषण का मामला सामने आया है। उसने अपने साथ हो रहे अत्याचारों की शिकायत की है। और न्याय की गुहार लगाई है। असल में वाहन चालक कैलाश ठाकुर ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक यानी DPM राजीव बघेल पर शराब मंगवाने और घर का निजी कार्य करवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
कैलाश ने कहा कि अधिकारी उसे न केवल सरकारी कार्यों के लिए बल्कि अपने निजी कार्यों के लिए भी परेशान करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रोजाना सुबह 8:30 बजे बुलाकर बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा कार्यालय बंद होने के बाद भी उसे देर रात तक रोके रखा जाता है। हद तो तब होती है जब साप्ताहिक अवकाश के दिनों में भी उसे बच्चों को घुमाने और बाजार से खरीदारी करवाने के लिए बुलाया जाता है। कैलाश का आरोप है कि पिछले 8 महीनों से यह सिलसिला लगातार चल रहा है। लेकिन उसकी आवाज अनसुनी कर दी गई है। कार्रवाई नहीं होने से DPM के हौसले बुलंद है और वह ड्राइवर को प्रताड़ित कर रहा है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव बघेल उसे प्रतिदिन शराब लाने के लिए भेजता हैं। कैलाश ने बताया कि वह खुद शराब नहीं पीता और DPM द्वारा बार-बार शराब मंगवाने पर उसे झिझक महसूस होती है। जब वह इस काम से इंकार करता है, तो उसे धमकी दी जाती है कि उसका वाहन कार्यालय से निकाल दिया जाएगा और नोटिस देकर परेशान किया जाता है। चालक ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और उसकी हालत को देखते हुए वह जल्दी घर जाना चाहता है, लेकिन DPM उसे देर रात तक रोके रखता हैं।
इन हालातों से परेशान होकर उसने 11 बिंदुओं पर आधारित लिखित शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी है। जिसकी एक प्रति नारायणपुर कलेक्टर को भी सौंपी है।
 
CMHO को खुद के कार्यालय की खबर नहीं
वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एस. राज ने कहा कि उन्होंने हाल ही में कार्यभार संभाला है। और अभी तक कैलाश की शिकायत का पत्र उनके पास नहीं पहुंचा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पत्र प्राप्त होने के बाद उसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
सरकार से DPM को मिला अभयदान
छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से DPM की मनमानी और भ्रष्टाचार की खबरों के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से शराब लाने ले जाने और घरेलू नौकरों की तरह कर्मचारियों का शोषण करने का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। यही कारण है कि DPM सरकारी गाड़ी और ड्राइवर का इस्तेमाल अपने बच्चों को स्कूल लाने ले जाने से लेकर बाजार घुमाने और शॉपिंग के लिए कर रहा है।
धमतरी से इसलिए हटाया गया था DPM 
वहीं धमतरी के तत्कालीन कलेक्टर पीएस एल्मा ने DPM की हरकतों के कारण राज्य कार्यालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को उसका दूसरे जिले में तबादला करने पत्राचार किया था।
 
अपने बचाव में DPM बोला:
इधर डीपीएम राजीव बघेल ने खुद पर लगे आरोपों से इंकार कर पीड़ित ड्राइवर को ही जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि कैलाश कई बार सरकारी कार्यों में अनुपस्थित रहता है और फोन करने पर वह फोन भी नहीं उठाता। कैलाश को रात में सिर्फ आपातकालीन स्थिति में बुलाया गया है।

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