भोपाल। हिंदी दिवस के मौके पर शुक्रवार को राजधानी के रवींद्र भवन में राष्ट्रीय हिंदी भाषा सम्मान अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हिंदी भाषा के साहित्य सृजन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए देश और दुनिया के लब्धप्रतिष्ठित लेखकों को सम्मानित किया। मप्र शासन के संस्कृति विभाग द्वारा इस कार्यक्रम में एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी हमारी स्वतंत्रता, सम्मान, स्वाभिमान एवं गौरव की भाषा है। हमारी संस्कृति की पहचान है। हमारी सभ्यता की साक्षी है। भारत, भाषाओं का गुलदस्ता और हिन्दी, सभी भाषाओं की आधार कड़ी है। मध्यप्रदेश सरकार भी विश्व में हिन्दी भाषा को नई पहचान दिलाने के लिए कटिबद्ध है। मुझे इस बात का गर्व है कि मध्यप्रदेश के युवा अब हिन्दी में पढ़ाई कर डॉक्टर और इंजीनियर बनेंगे।
सीएम डॉ. यादव ने आगे कहा कि राष्ट्रीय हिन्दी भाषा सम्मान अलंकरण समारोह में उन सभी महापुरुषों को याद करता हूं जिन्होंने हिन्दी को ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई हिन्दी की यात्रा को आगे बढ़ाने में महर्षि वाल्मीकि जी का योगदान अमूल्य है। उन्होंने अपने जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण समय समर्पित किया, जिसके परिणामस्वरूप आज हिन्दी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बन गई है हिन्दी को ऊंचाइयों पर ले जाने में कई महान विभूतियों की भी अहम भूमिका रही। महात्मा गांधी जी हिन्दी के प्रबल पक्षधर थे। भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर हिन्दी को गौरवान्वित किया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी दौरे के दौरान अंग्रेजी बोलना आने के बाद भी अपनी मातृभाषा हिंदी में बोलते हैं।
इन्हें किया सम्मानित
कार्यक्रम में राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान 2022 डिजिटल इंडिया भाषिनी संस्थान, नई दिल्ली को और 2023 का अमकेश्वर मिश्रा, भोपाल को प्रदान किया गया। राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान 2022 का डा.हंसा दीप, टोरंटो (कनाडा) एवं 2023 का डा. अनुराग शर्मा, पेंसिलवेनिया (अमेरिका) को, राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान 2022 अतिला कोतलावल, श्रीलंका एवं 2023 का दागमार मारकोवा, चेक गणराज्य को, राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान 2022 डा. कृष्ण कुमार मिश्र, मुम्बई एवं 2023 का देवेन्द्र मेवाड़ी, नई दिल्ली को, राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान 2022 डा. दामोदर खड़से, पुणे एवं 2023 का डा. मनमोहन सहगल, पटियाला को प्रदान किया गया।
कवियों ने सुनाई रचनाएं
अलंकरण समारोह के बाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश के सुविख्यात कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया। इनमें डॉ. राहुल अवस्थी-बरेली, आशीष अनल-लखीमपुर खीरी, अनु सपन-भोपाल, सुदीप भोला-जबलपुर, अमन अक्षर-इन्दौर, श्वेता सिंह-बड़ोदरा, मनु वैशाली-नई दिल्ली, श्रृद्धा शौर्य-नागपुर और रामकिशोर उपाध्याय-ग्वालियर शामिल रहे।