धमतरी । इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म होने के बाद इंजीनियर एकलव्य नौकरी की चाहत न रखकर सब्जी खेती में अपना कैरियर संवारने की ठानी। उद्यानिकी विभाग से जानकारी लेकर 12 एकड़ जमीन पर मिर्च खेती की शुरूआत की और इस खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहा है। स्वयं अपना कैरियर संवारना बल्कि हर रोज गांव की कई महिलाओं को रोजगार देकर उनका भी कैरियर संवार दी। इंजीनियर एकलव्य साहू उन युवक-युवतियों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद सरकारी नौकरी की चाह में खेती-किसानी नहीं करना चाहते हैं और इससे दूरी बनाने की कोशिश करता है।
जिले के मगरलोड ब्लाक स्थित ग्राम दुधवारा निवासी एकलव्य साहू वर्ष 2017-18 में इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर गांव आया। वह सरकारी नौकरी करना नहीं चाहते थे और शुरूआत से ही उनकी दिलचस्पी खेती-किसानी में था। फिर क्या सब्जी खेती में अपना कैरियर संवारने मन बनाकर उद्यानिकी अधिकारी से मिलकर मिर्च खेती की जानकारी ली। कुछ समय तक एकलव्य खेती-किसानी की तकनीकी जानकारी हासिल की। यह भी जानकारी ली कि उनका क्षेत्र सबसे सूखा क्षेत्र है, ऐसे में इंजीनियर एकलव्य साहू ने अपने खेतों में कम लागत और कम पानी के साथ ही अधिक उपज प्राप्त होने वाली मसाला क्षेत्र विस्तार के तहत मिर्ची की फसल लेने ठान ली। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से उन्हें राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत ड्रिप सिंचाई, पैक हाउस, बीज पैक योजना इत्यादि की जानकारी मिली। इसके लिए मिलने वाले अनुदान के बारे में भी पता चला। अनुदान का लाभ लेकर एकलव्य अपने 12 एकड़ खेत में मिर्च की फसल लेना शुरू कर दिए। वे बताते हैं कि उन्हें मिर्ची की खेती से शुरूआत से ही अच्छा लाभ मिला। प्रति एकड़ 100 से 110 क्विंटल उपज प्राप्त होती है और प्रति एकड़ दो लाख रुपये की शुद्ध आमदनी हासिल कर रहे हैं।उ
एकलव्य साहू ने बताया कि वैसे तो उनके द्वारा तैयार मिर्ची जिले में ही हाथों-हाथ बिक जाती हैं, किन्तु वे अन्य जिलों में भी मिर्ची को बिक्री के लिए भेजते हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त दाम भी मिलता है। मिर्ची की खेती से उन्हें कभी भी बेरोजगारी का अहसास नहीं हुआ और उनका कैरियर इस खेती से संवर चुका है। इंजीनियर एकलव्य साहू का क्षेत्र के पढ़े-लिखे युवक-युवतियों के लिए संदेश है कि आज के इस युग में कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं है। कोई भी कार्य मिले, उसे करें। कैरियर संवारने सिर्फ सरकारी नौकरी ही जरूरी नहीं है, आधुनिक खेती-किसानी करके भी लाखों रुपये कमाया जा सकता है।