रायपुर में दिव्यांग सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
रायपुर। रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांग सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में सुन न पाने वाली बच्चियों ने डांस कियाा। वो म्यूजिक सुन नहीं पा रही थीं। मगर उन्हें ट्रेनिंग ऐसी मिली थी कि हर बीट पर परफेक्ट डांस किया। ये देखकर मुख्यमंत्री भी हैरान दिखे। उन्होंने इन बच्चियों को मंच पर बुलाया और साइन लैंग्वेज में बिना आवाज वाली ताली हथेली हिलाकर बजाई। ये बच्चियां कोपलवाणी सेंटर से पहुंची थीं।
अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया थाा। दिव्यांगजन सामूहिक विवाह समारोह में 31 दिव्यांग जोड़े शादी के बंधन में बंधे। मुख्यमंत्री ने सभी नवविवाहित जोड़ों के सुखी वैवाहिक जीवन की मंगलकामना करते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और दिव्यांगजनों के उत्थान का उत्कृष्ट उदाहरण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा केवल एक सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि यह सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को 50,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, तो दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना की 12 किश्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश की माताओं और बहनों को आर्थिक संबल मिला है।
उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का आधार स्तंभ हैं। वे न केवल परिवार को जोड़ती हैं, बल्कि संस्कारों की वाहक भी होती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना ने एक दशक पूरा कर लिया है, जिससे बालिकाओं के सशक्तिकरण में अभूतपूर्व सफलता मिली है।