प्रस्तावित इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र एवं इंदौर रीजनल डेवलपमेंट एरिया के चहुँमुखी विकास के लिए बनेगी कार्ययोजना: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
An action plan will be made for the all-round development of the proposed Indore Metropolitan Area and Indore Regional Development Area: Chief Minister Dr. Yadav
इंदौर की पुरानी बस्तियों के निराकृत होंगे भू-स्वामित्व के मामले, नक्शे भी होंगे पास
नगर निगम सीमा में शामिल 29 गांवों के विकास के लिए एक माह में तैयार होगी विशेष कार्ययोजना
एलिवेटेड ब्रिज के बजाय अब बनेंगे 6 ओवर ब्रिज
शहर विकास संबंधी स्वीकृत तथा प्रगतिरत निर्माण कार्यों को पूरा करने तय की गई समय-सीमा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर के विकास को लेकर की समीक्षा, लिये अनेक महत्वपूर्ण निर्णय
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इंदौर तेजी से बढ़ता हुआ शहर है। इस शहर में विकास की अपार संभावनाएँ है। मध्यप्रदेश और इंदौर शहर देश के मध्य भाग में स्थित है। इसको दृष्टिगत रखते हुए यहां का विकास सुनियोजित रूप से किए जाने की आवश्यकता है। अगर इंदौर शहर और मध्यप्रदेश का सुनियोजित विकास होगा तो इसका लाभ अन्य राज्यों को भी मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज इंदौर में विकास कार्यों की समीक्षा की। इसमें इंदौर के चहुँमुखी विकास के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रस्तावित इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र एवं इंदौर रीजनल डेवलपमेंट एरिया के चहुँमुखी विकास के लिए कार्य-योजना तैयार होगी। इंदौर नगर निगम सीमा में शामिल 29 गांवों के विकास के लिए विशेष कार्ययोजना बनायी जायेगी। यह कार्ययोजना एक माह में तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिये गये। साथ ही निर्णय लिया गया कि इंदौर शहर के एलआईजी से नवलखा तक प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज के स्थान पर आवश्यकता के अनुसार जंक्शनों पर 6 और ब्रिज बनाये जाएंगे। यह भी तय किया गया कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल 29 गांवों और शहर की अन्य पुरानी बस्तियों के भू-स्वामित्व संबंधी मामले निराकृत हों और इनके नक्शे भी पास करने की व्यवस्था बनायी जाये। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाये कि इन गांवों में वैध कॉलोनियों की तरह ही सभी मूलभूत सुविधाएं मिलें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर जिले में स्वीकृत तथा प्रगतिरत विभिन्न निर्माण कार्यों को पूरा करने की समय-सीमा भी तय की।
बैठक में बताया गया कि एलआईजी से लेकर नवलखा तक एलिवेटेड ब्रिज के लिये मात्र तीन प्रतिशत की उपयोगिता ही मिली है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब इतनी कम उपयोगिता आ रही है तो एलिवेटेड ब्रिज की जरूरत नहीं है। इसके बजाय वैकल्पिक व्यवस्था की जाये। एलिवेटेड ब्रिज की बजाय अलग-अलग जंक्शनों पर ब्रिज बनाये जायें। बताया गया कि 6 ओव्हर ब्रिज इस मार्ग पर बनाये जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसके लिये कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अमृत योजना की भी समीक्षा की और निर्देश दिये कि शहर में 2047 की आवश्यकता को देखते हुए जल प्रदाय और सीवरेज लाईन के संबंध में कार्य-योजना तैयार कर कार्य शीघ्र प्रारंभ किये जायें। धनराशि के संबंध में भी प्लान तैयार हो।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर तथा आस-पास के क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है। इन क्षेत्रों में सुनियोजित विकास की आवश्यकता है। इसको देखते हुए मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र एवं इंदौर रीजनल डेवलपमेंट एरिया विकसित होना चाहिये। इसके मद्देनजर इस क्षेत्र में शामिल होने वाले इंदौर, उज्जैन, धार, देवास के प्रत्येक ग्राम और हर क्षेत्र के समग्र और सुनियोजित विकास का प्लान तैयार होना चाहिये। सभी विकास एजेंसियां समन्वित रूप से विकास प्लान तैयार करें। उन्होंने कहा कि इंदौर में औद्योगिक विकास की भी अपार संभावनाएं हैं। इसको देखते हुए भी कार्य-योजना तैयार हों। साथ ही 4 लेन सड़कों का भी तेजी से विस्तार किया जाये। उन्होंने कहा कि इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाईन स्वीकृत होने से मालवा-निमाड़ के साथ ही ग्वालियर अंचल का भी विकास होगा। यह रेलवे लाईन मुम्बई, इंदौर और दिल्ली तक विकास का सेतु बनेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर में एयर कार्गो के विकास की भी अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने इंदौर तथा आसपास के क्षेत्रों में रेलवे लाईन के विस्तार के संबंध में भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रगतिरत इंदौर-उज्जैन 4 लेन से 6 लेन सड़क, एमआर-11, एमआर-12, तेजाजी नगर से बलवाड़ा, इंदौर से हरदा सहित मास्टर प्लान की अन्य सड़कों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने निर्देशदिये कि उक्त कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किये जायें। साथ ही इंदौर बायपास से ग्राम पानोद, कम्पेल रोड, चन्द्रगुप्त मौर्य प्रतिमा से देवास-उज्जैन रोड तक 2 लेन मार्ग, इंदौर शहर में पश्चिमी बायपास का निर्माण, इंदौर शहर में पूर्वी बायपास रोड के संबंध में भी चर्चा की गई। निर्देश दिये गये कि उक्त सड़कों के कार्य सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर शीघ्र शुरू किये जायें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर जिले में चल रहे विभिन्न सड़क निर्माण कार्य, फ्लाय ओवर एवं ब्रिज निर्माण, अंतर राज्यीय बस टर्मिनल, शासकीय विद्यालय के पुनर्घनत्वीकरण योजना, इंदौर बायपास कंट्रोल एरिया, जलप्रदाय योजना अमृत, कान्ह-क्षिप्रा नदी शुद्धीकरण हेतु प्रस्तावित कार्य, जलूद के 60 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र, एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की प्रचलित परियोजना, इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में इंदौर मेट्रोपॉलिटन विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित कार्य-योजना सहित इंदौर शहर के विकास से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में विस्तार से चर्चा कर जानकारी ली।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कान्ह एवं क्षिप्रा के शुद्धिकरण हेतु चल रहे कार्यों को परिणाममूलक और प्रभावी बनाया जाए। इस कार्य का परिणाम मैदानी स्तर पर भी दिखायी दें। उन्होंने शहर की बेहतर प्लानिंग प्रस्तुत करने की बात कही, जिससे विकास योजनाओं में उसे समाहित किया जा सकें।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इंदौर से खुड़ैल तक 4 लेन सड़क बनाने और सांवेर क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों, मार्गों के निर्माण की आवश्यकता बतायी। उन्होंने एमवाय अस्पताल को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित करने की बात भी कही।
सांसद शंकर लालवानी ने आउटर रिंग रोड, लॉजिस्टिक हब तैयार करने और नई अनाज मण्डी आदि के संबंध में अपनी बात रखी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पश्चिमी रिंग रोड हेतु आवश्यक बजट, अमृत योजना-2.0 के तहत भी आवश्यक सहयोग और कार्मिक संरचना विकास के संबंध में अपनी बात कही। विधायक उषा ठाकुर, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक रमेश मेंदोला, विधायक मनोज पटेल, विधायक मालिनी गौड़, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक मधु वर्मा ने क्षेत्र विकास के लिये अपनी बात रखी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला तथा राघवेंद्र सिंह, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता, मुख्य वन संरक्षक एम. आर. बघेल, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।