नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर लगे रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों के बीच इस पर अब अमेरिका का बयान आया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब यह पूछा गया कि क्या इन आरोपों से दोनों देशों के सबंधों पर कोई असर पड़ेगा? इस पर उन्होंने कहा कि हमें इन आरोपों की जानकारी है।
कैरीन जीन-पियरे ने कहा कि इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आपको सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और न्याय विभाग से संपर्क करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध एक मजबूत नींव पर आधारित हैं। हम ऐसा मानते हैं कि हम इस मु्द्दे को हल करना जारी रखेंगे। हम मानते हैं कि भारत और अमेरिका के बीच यह संबंध एक मजबूत नींव पर बना है।
अडानी पर आरोप क्या है?
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अपने निवेशकों को धोखा देने के आरोप लगे हैं। अडानी पर अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर या करीब 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगा है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा है।
अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।