रायपुर। नगर निगम रायपुर ने 27 करोड़ रुपए के यूनिपोल घोटाले के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घोटाले में यूनिपोल विज्ञापन संरचनाओं के निर्माण के दौरान कई विसंगतियां पाई गई हैं। पूर्व मेयर एजाज ढेबर ने इस मामले का खुलासा कर आरोप लगाया था कि ग्रेसफुल मीडिया प्रा. लि. कंपनी को नियमों का उल्लंघन करते हुए अनुमति दी गई है। साथ ही यूनिपोल की संख्या, स्थान, और दर में भी अनियमितताएं थीं।
इस मामले में निगम और राज्य सरकार ने एक समिति का गठन की है, जो घोटाले से जुड़े तथ्यों की जांच कर रही है। नगर निगम ने ग्रेसफुल मीडिया को एक अंतिम चेतावनी जारी की है। यदि कंपनी समय पर बकाया राशि नहीं जमा करती है, तो उसका विज्ञापन लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। निगम ने यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी डिफॉल्टर एजेंसी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि विज्ञापन क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
बकाया शुल्क वसूली की प्रक्रिया शुरू
नगर निगम ने ग्रेसफुल मीडिया से बकाया राशि की वसूली के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जो कंपनी से बकाया वसूलने की प्रक्रिया की निगरानी करेगी और प्रभावी उपायों की सिफारिश करेगी। इसके अतिरिक्त, ग्रेसफुल मीडिया का विज्ञापन लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और उसे निगम की भविष्य की निविदाओं में भाग लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
जब्तीकरण और बिजली कनेक्शन काटेंगे
निगम ने 30 मिनी यूनिपोल सहित अन्य विज्ञापन संपत्तियों को राजसात करने का निर्णय लिया है। अब तक, 30 मिनी यूनिपोल को जब्त किए जा चुके हैं और बाकी विज्ञापन संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी। यदि ग्रेसफुल मीडिया ने निगम क्षेत्र में कोई बिजली कनेक्शन लिया है, तो सीएसपीडीसीएल को पत्र भेजकर कनेक्शनों को काटने के निर्देश दिए जाएंगे।