90 विधानसभा में सुझाव पेटियां भेजने की तैयारी में घोषणा पत्र समिति, लोगों से लेंगे फीडबैक
रायपुर। रायपुर में प्रधानमंत्री का स्वागत छत्तीसगढ़िया अंदाज में किया गया था, उन्होंने भाषण की शुरुआत भी छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे से करते हुआ छत्तीसगढ़ी में सभी को जय जोहार भी कहा था। रायपुर में प्रधानमंत्री का स्वागत छत्तीसगढ़िया अंदाज में किया गया था, उन्होंने भाषण की शुरुआत भी छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे से करते हुआ छत्तीसगढ़ी में सभी को जय जोहार भी कहा था।भारतीय जनता पार्टी में चुनावी घोषणा पत्र बनाने की तैयारियां ज़ोरों पर है। फिलहाल मोटे तौर पर जो बात अंदर से निकलकर आ रही है, उसके मुताबिक फोकस किसान और छत्तीसगढ़ियावाद दोनों पर हो सकता है। इसके अलावा आदिवासी, ओबीसी और व्यापारी वर्ग पर ध्यान रहेगा।
अभी घोषणा-पत्र समिति में कुल 32 लोगों की टीम है। पहले 31 थी। मुस्लिमों को साधने की कोशिश में भी एक नाम जोड़ा गया है। डा. सलीम राज घोषणा-पत्र समिति में बाद में शामिल किए गए। ये समितियां कई उपसमितियों में भी बंट चुकी है। बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। घोषणा पत्र तो सभी संभागों-जिलों में फीडबैक के बाद ही बनेगा, लेकिन शुरुआती दौर में समितियों के जितने भी लोग चर्चा कर रहे हैं, उससे लग रहा है कि फोकस सिर्फ किसान नहीं होगा, बल्कि छत्तीसगढ़िया का तोड़ निकालना भाजपा के लिए मुश्किल भरा हो सकता है।
दुर्ग के सांसद विजय बघेल को घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाने का मकसद ये भी दिखाना है कि एक किसान को भारतीय जनता पार्टी ने महत्व दिया है। बघेल पेशे से किसान हैं। वे हर जगह कहते भी रहे हैं कि वे किसान पुत्र हैं। हल चलाते हैं। जिस समिति में कई दिग्गज पूर्व मंत्री हों, पूर्व सांसद हों, उसमें विजय बघेल को कमान सौंपने के दो मायने बताए जा रहे हैं। बघेल के सामने बघेल और किसान के सामने किसान…।
घोषणा पत्र समिति की उप समितियां लगातार बैठकें कर रही हैं। केंद्रीय गृहमंत्री और दिग्गज भाजपा नेता अमित शाह के सवा महीने में ही तीन बार के दौरे ने संगठन में तेजी ला दी। उनके पिछले दौरे के बाद ही आनन-फानन में समितियों की घोषणा की गई और भाजपा अब टार्गेट बेस काम पर जुट गई है। भाजपा का अगला टार्गेट 90 विधानसभाओं में 90 सुझाव पेटियां पहुंचाने का है। संभागीय प्रभारी के नेतृत्व में ये सारे काम होने हैं। विजय बघेल खुद सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग देखेंगे। समिति के सह संयोजक अमर अग्रवाल रायपुर, रामविचार नेताम बस्तर और शिवरतन शर्मा दुर्ग संभाग जाएंगे।
ये सारी कवायदें चल रही हैं, लेकिन जितने लोग भी बैठकें कर रहे हैं। बैठकों के बाहर चर्चा हो रही है, उनमें सभी को सबसे बड़ा मुद्दा धान, किसान और छत्तीसगढ़ियावाद नजर आ रहा है। और इसे लेकर मंथन का दौर अभी से शुरू हो चुका है कि इसके लिए घोषणा पत्र में क्या करेंगे। फीडबैक तो आधार होगा ही। भाजपा के दिग्गज नेता बार बार अलग अलग मंचों से इस बात पर जोर देते रहे हैं कि छत्तीसगढ़ियावाद सिर्फ दिखावे से नहीं होगा। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना और विकास असली छत्तीसगढ़ियावाद है। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भाजपा ने तकरीबन 50 लाख ब्रोशर पूरे प्रदेश में बांटे। इसमें छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर लगाई गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रायपुर में हुए कार्यक्रम के मुख्य मंच के पीछे बैनर में सबसे ऊपर छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर थी। छत्तीसगढ़ की नई टीम में अध्यक्ष, तीनों महामंत्री समेत सभी मंत्रियों के चेहरों को भी छत्तीसगढ़ियावाद के पैमाने पर भी देखा गया है।
किसान और छत्तीसगढ़ियावाद के साथ इनसे होगा विमर्श
भाजपा की टीम फुटकर व्यापारियों से मिलेगी। महिला संगठनों, गृहणियों, किसान संगठनों, मितानिनों, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, सफाई कर्मचारियों, पटवारियों, शासकीय कर्मचारियों, शिक्षाकर्मियों से लेकर हर छोटे बड़े संगठनों से मिलेगी। जिले की टीम इन संगठनों के कार्यक्रम तैयार करेगी और संभागीय प्रभारी जाकर उनसे बातचीत करेंगे। उनका फीडबैक लेंगे। समझेंगे कि उनकी दिक्कतें क्या हैं और किन मुद्दों को शामिल किया जा सकता है।
ऑनलाइन पोल भी हो सकते हैं
भारतीय जनता पार्टी की टीमें वन टू वन मुलाकात तो करेगी ही, सुझाव पेटियों के जरिए सुझाव लेगी ही, ऑनलाइन पोल भी करा सकती है। व्हाट्स एप नंबर जारी कर उसमें भी सुझाव मंगा सकती है। आईटी टीम को इसके लिए कैसे कंटेंट दिए जाएं, इस पर विचार विमर्श चल रहा है।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी हो सकता है घोषणा पत्र
भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र अक्टूबर के पहले सप्ताह में आ सकता है। घोषणा पत्र समिति पूरे अगस्त माह में प्रदेश का दौरा करेगी। सितंबर माह पूरा इसकी ड्राफ्टिंग में निकल जाएगा। प्रदेश के हर इलाके से आए बिन्दुओं की छंटनी, प्रकाशन इत्यादि में एक माह का समय लगेगा। लिहाजा अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में घोषणा पत्र जारी हो सकता है।