बिलासपुर। इलेक्ट्रिक लोको शेड में एकाएक क्रेन का रोप वायर टूट गया। इससे क्रेन से जिस इंजन को उठाया गया था, वह 15 फीट ऊंचाई से नीचे गिर गया। गनीमत रही कि जिस समय यह घटना हुई, नीचे कोई भी कर्मचारी नहीं मौजूद था, जिससे बड़ा हादसा होते-होते बचा। हालांकि इस घटना के कारण इंजन , प्लेटफार्म व कुछ और रेल संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई। घटना के बाद रेलकर्मियों में भारीआक्रोश है।
लोको शेड में हुआ हादसा
रेलवे स्टेशन के उस पार लोको शेड है, जहां इलेक्ट्रिक इंजन की मरम्मत की जाती है। मंगलवार की देर शाम भी मरम्मत का कार्य जारी था। इंजन के नीचले हिस्से का परीक्षण करने के लिए हैवी क्रेन से एक इंजन को उठाया गया। अभी क्रेन के सहारे इंजन 15 फीट ऊंचाई पर पहुंचा था, तभी अचानक क्रेन के एक तरफ रोप वायर टूट गया। इससे दूसरे तरफ के वायर पर लोड पड़ा और वह भी टूट गया।
दोनों वायर टूटने से गिरा इंजन
क्रेन का दोनों वायर टूटते ही इंजन से धड़ाम से नीचे गिरा। इंजन गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास काम करे रहे कर्मचारी दहशत में आ गए और इधर- उधर भागने लगे। कुछ पल के लिए कर्मचारी यह सोचकर घबरा गए कि कहीं इंजन के नीचे कोई कर्मचारी तो नहीं। गनीमत रही ऐसा कुछ नहीं हुआ।
क्रेन की वजह से हादसा
घटना की जानकारी मिलने के बाद रेलवे के अधिकारियाें में हड़कंप मच गया। कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे। इंजन का नीचला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। प्लेटफार्म भी टूट- फूट गया है। लोहे के पार्ट्स टूटकर इधर- बिखर गए। घटना की वजह क्रेन को बताई जा रही है। रोप वायर कमजोर था, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
घटना के बाद रेलकर्मियों ने मचाया हंगामा
घटना से किसी तरह जनहानि तो नहीं हुई लेकिन, लोको शेड में काम करने वाले कर्मचारी दहशत में हैं। वह इस घटना को पूरी तरह रेल प्रशासन की जिम्मेदारी मान रहे हैं। नाराज कर्मचारियों ने बुधवार की सुबह काम बंद कर हंगामा किया।
इस दौरान रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना था कि लोको शेड में सेफ्टी की अनदेखी की जा रही है। कर्मचारी असुरक्षा के बीच यहां कार्य करने के लिए विवश है। उन्होंने रेल प्रशासन ने सेफ्टी उपकरण की मांग की।