हाई कोर्ट ने आयुष यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर छात्र को एमबीबीएस की डिग्री जारी करने का दिया निर्देश
High Court issued notice to Ayush University and directed it to issue MBBS degree to the student.
बिलासपुर। याचिकाकर्ता चिकित्सा छात्र की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने छात्र को राहत दी है। हाई कोर्ट ने आयुष यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता छात्र को एमबीबीएस की डिग्री जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता चिकित्सा छात्र के आवेदन पर विश्वविद्यालय नियमानुसार चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई करे और डिग्री देने की व्यवस्था करे। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है। रायपुर जिले के शांति नगर निवासी अविनाश देशलहरा ने अधिवक्ता अक्षरा अमित और आशुतोष मिश्रा के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि उसने वर्ष 2007-08 में एमबीबीएस प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस बिलासपुर (सिम्स) में प्रवेश लिया था। पारिवारिक कारणों की वजह से वर्ष 2015 में हुई एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया। इसके बाद उसने एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में बैठने की मांग करते हुए विभागीय मंत्री और छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंस बिलासपुर के डीन को पत्र लिखा। पत्र में उसने उन कारणों का हवाला भी दिया जिसके चलते परीक्षा में शामिल नहीं हो पाया था। उनकी पारिवारिक स्थिति को देखते हुए रजिस्ट्रार आयुष यूनिवर्सिटी ने उसे एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में बैठने हेतु अनुमति प्रदान कर दी। गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। परीक्षा में शामिल हुआ और उत्तीर्ण भी हो गया। आयुष विश्वविद्यालय ने परीक्षा पास करने व इंटर्नशीप पूरी करने के बाद भी उसे एमबीबीएस की डिग्री आजतलक जारी नहीं किया है। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने आयुष यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करते हुए एमबीबीएस की डिग्री देने का निर्देश दिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय तय कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है।