साइबर थानों में सॉफ्टवेयर डिलीट डेटा रिकवर करेगा
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पांच संभागीय मुख्यालयों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर (सरगुजा) और जगदलपुर (बस्तर) में इसी महीने अलग से साइबर थाने खोलने की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने पांच संभागीय मुख्यालयों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर (सरगुजा) और जगदलपुर (बस्तर) में इसी महीने अलग से साइबर थाने खोलने की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने पांच संभागीय मुख्यालयों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर (सरगुजा) और जगदलपुर (बस्तर) में इसी महीने अलग से साइबर थाने खोलने की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है। साइबर थाने अब बिलकुल नई तकनीक से काम करेंगे। जैसे, अमेरिका का बिलकुल नया साफ्टवेयर इन थानों में लाया जा रहा है। यह मोबाइल के अलावा लैपटॉप और पेनड्राइव से डिलीट किए गए डेटा को भी रिकवर कर देगा। इसके अलावा इन्वेस्टिगेशन के लिए हर थानों में एक यूनिट वैन होगी, जिसमें साइबर पोर्टेबल लैब की सुविधा रहेगी।
पोर्टेबल लैब यूनिट से इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट होने से पहले ही सुरक्षित रख लिया जाएगा। इससे डेटा करप्ट होने की दिक्कत नहीं आएगी। इस तरह, प्रदेश में साइबर थानों के जरिए अब लोकल साइबर जालसाजों के अलावा ऑनलाइन ठगों पर भी निगरानी रहेगी। अफसरों के मुताबिक रायपुर में गंज स्थित एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट की बिल्डिंग में साइबर थाना खोला जाएगा। ग्राउंड फ्लोर में इसका सेटअप रहेगा। इसकी माॅनिटरिंग आईजी करेंगे तथा साइबर थाने में डीएसपी से सिपाही तक की पोस्टिंग शासन से होगी और ट्रांसफर भी शासन स्तर पर ही होगा।
इन थानों में इंजीनियरिंग या साइबर की डिग्री वालों की पोस्टिंग को प्राथमिकता मिलेगी, ताकि साइबर में विशेषज्ञता बनी रहे। राज्य में 2008 में पहली बार साइबर कैडर में भर्ती की गई। इसमें अभी सिर्फ तीन टीआई हैं। इसके बाद साइबर कैडर में किसी की भर्ती नहीं हुई। लेकिन अब साइबर कैडर में ज्यादा भर्तियां होंगी। भी एसआई रैंक में 971 पदों में भर्ती की जा रही है। इसमें कंप्यूटर साइंस जैसी डिग्री वाले भी हैं। इन्हें साइबर में थानों में भेजने पर मंथन चल रहा है।
ऐसे काम करेगा साइबर थाना
साइबर थाना आम थानों की तरह ही शिकायत लेने के साथ ही एफआईआर दर्ज करेगा, लेकिन केवल ऑनलाइन ठगी या साइबर क्राइम से संबंधित अपराधों के मामले ही दर्ज होंगे। जांच के बाद यहां का स्टाफ आरोपियों की गिरफ्तारी भी करेगा। ये थाना शहर व जिलों के साइबर सेल से अलग काम करेगा। साइबर फोरेंसिक लैब होगा हाईटेक राज्य फोरेंसिक विभाग में साइबर फोरेंसिक के लिए हाईटेक सिस्टम तैयार किया जा रहा है। वहां हाईटेक सॉफ्टवेयर, मशीन खरीदने की तैयारी है। जहां टैंपर सीडी की जांच, वाइस सैंपल की जांच हो सके।
शिकायतें ज्यादा, एफआईआर कम
राज्य के सभी थानों में रोज दो ऑनलाइन ठगी शिकायतें आती हैं, लेकिन सभी में पुलिस केस दर्ज नहीं किया जाता है। सिर्फ रायपुर में ही पिछले साल साइबर सेल और क्राइम पोर्टल में 4100 शिकायतें आई। 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई। इसमें से 60 लाख रुपए ही पुलिस वापस करा पाई है। सिर्फ 94 मामलों में पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें 61 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से किसी को सजा नहीं हुई है।
पुलिस इनसे ठगी का पैसा भी रिकवर नहीं कर पाई है। साइबर क्राइम में सफलता दर बहुत कम हैं। जबकि घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। रायपुर में 2020 में 2 हजार से ज्यादा शिकायतें हुई है। इसमें से सिर्फ 32 में केस दर्ज किया गया। 2021 में तीन हजार शिकायतों में 36 पर एफआईआर हुई है। इस साल जनवरी से मई तक 31 केस दर्ज किए गए। 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
एडीजी ने कहा- हर थाने में रहेगी एक्सपर्ट टीम
साइबर क्राइम की जांच और एफआईआर रेंज स्तर पर जल्दी ही खुलने वाले साइबर थानों में होगी। इन थानों में एक्सपर्ट टीम भी रहेगी।
-प्रदीप गुप्ता, एडीजी, तकनीकी सेवा