सड़क दुर्घटना अन्वेषण तथा क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कंपनी एवं पुलिस अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
रायपुर. केंद्रीय मोटरयान (पांचवा संशोधन) नियम 2022 में संशोधन उपरांत सड़क दुर्घटना के अन्वेषण के लिए अंतत: स्थापित नियम 150 (क) के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु नवीन प्रावधान/प्रक्रिया के संबंध में पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सीय अधिकारियों, निर्माण एजेंसियों के अभियंताओं, परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों को इंटिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस के सिस्टम के संबंध में कुल 9498 प्रशिक्षण सत्रों में 33149 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसी तारतम्य में इलेक्ट्रानिक डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट पोर्टल विकसित कर सड़क दुर्घटना में प्रभावितों को यथाशीघ्र राहत देने के लिए आलोक में राज्य विधिक सेवा, प्राधिकरण, विभिन्न बीमा कंपनियों नाबालिक वाहन चालकों द्वारा दुर्घटना की स्थिति में बाल कल्याण समिति, एवं मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल को भी शामिल किया गया है। इसी अनुक्रम में सड़क दुर्घटना में प्रभावित जनों को यथाशीघ्र वैधानिक क्षतिपूर्ति के लिए विभिन्न एजेंसिस से समन्वय एवं सर्वसंबंधितों को प्रशिक्षण हेतु राज्य शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी एवं अन्तरविभागीय लीड एजेंसी के अध्यक्ष तथा संयुक्त आयुक्त/सड़क सुरक्षा श्री संजय शर्मा द्वारा राज्य के 21 विभिन्न बीमा कंपनियों के राज्य स्तरीय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में श्री सारांश शिरके एवं श्री सनी कुमार रोल आउट मेनेजर द्वारा निम्न बिन्दुओं पर जानकारी दी गई है।
01. किसी सड़क दुर्घटना की सूचना प्राप्त होते ही पुलिस अन्वेषण अधिकारी दुर्घटना स्थल पहुंचकर अन्वेषण प्रारंभ करेंगे।
02. अन्वेषण अधिकारी द्वारा दुर्घटना के 48 घंटे के भीतर प्रारूप-1 में प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट (FAR) भरकर दावा अभिकरण को दुर्घटना की सूचना देंगे। प्रारूप-1 की प्रति पीड़ित,राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बीमा कंपनी को भी उपलब्ध कराई जाएगी।
03. अन्वेषण अधिकारी द्वारा सड़क दुर्घटना के पीड़ित के अधिकार और प्रारूप 2 में उल्लेखित स्कीम का प्रवाह चार्ट विवरण पीड़ित या उनके विधिक प्रतिनिधियों को दुर्घटना के 10 दिवस के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी।
04. दुर्घटना में शामिल वाहन चालक द्वारा प्रारूप 3 एवं वाहन स्वामी द्वारा प्रारूप 4 अनुसार सुसंगत जानकारी 30 दिवस के भीतर अन्वेषण अधिकारी को प्रस्तुत किया जाएगा।
05. अन्वेषण अधिकारी द्वारा 50 दिनों के भीतर दावा अभिकरण को प्रारूप 5 में अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाएगा। उक्त आईएआर की एक प्रति दुर्घटना में शामिल वाहनों के बीमा कंपनी, पीड़ित/दावाकर्ता व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी दी जाएगी।
06. दुर्घटना के पीड़ित या उनके प्रतिनिधियों द्वारा प्रारूप 6 एवं 6 क अनुसार सुसंगत जानकारी 60 दिवस के भीतर अन्वेषण अधिकारी को प्रस्तुत किया जाएगा।
07. अन्वेषण अधिकारी द्वारा दांडिक मामलों का अन्वेषण 60 दिवस के भीतर पूरा कर संबंधित दांडिक न्यायालय के समक्ष दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के अधीन अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।
08. नियम 150(क) के 14 अनुसार यदि वाहन चालक, स्वामी, बीमा कंपनी या दावाकर्ता सुसंगत जानकारी प्रकट करने में असफल रहते हैं, तो अन्वेषण अधिकारी दावा अभिकरण से आवश्यक निर्देश की मांग कर सकते हैं।
09. अन्वेषण अधिकारी दस्तावेजों का सत्यापन पूरा कर दुर्घटना की तारीख से 90 दिनों के भीतर प्रारूप 7 में विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट को दवा अभिकरण के पास भेजेगा। साथ ही अन्वेषण अधिकारी द्वारा उल्लंघनकारी वाहन के स्वामी/चालक, दुर्घटना के पीड़ित, बीमा कंपनी के नोडल अधिकारी, साधारण बीमा परिषद और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भी Detailed Accident Report (डीएआर) की एक प्रति उपलब्ध कराई जायेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सचिंद्र कुमार चौबे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर, गुरजीत सिंह उप पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर, सुशांतो बनर्जी उप पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर द्वारा भी विभिन्न थानों के नोडल अधिकारियों एवं उपस्थित लगभग 21 बीमा कंपनी के पदाधिकारी को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न बिन्दुओं के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया।