छत्तीसगढ़

सचिव राजस्व व कलेक्टर-कोरिया से हाई कोर्ट ने पूछा-क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए

High Court asked Secretary Revenue and Collector-Korea - why contempt action should not be taken against them

बिलासपुर। न्यायालयीन आदेश की अनदेखी करना राजस्व विभाग के सचिव नीलम नामदेव एक्का एवं कलेक्टर, कोरिया-विनय कुमार लांघे को भारी पड़ते दिखाई दे रहा है। सेवानिवृत डिप्टी कलेक्टर द्वारा अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दोनों आइएएस अफसरों से पूछा है कि आदेश की अनदेखी करने के आरोप में क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ की जाए। नाराज कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाव पेश करने का निर्देश दिया है। पटपरिया, अंबिकापुर निवासी आरएन सनमानी, जिला-कोरिया में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। जुलाई 2017 में 62 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। सेवानिवृत्ति के पश्चात् समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान ना होने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सचिव, राजस्व विभाग एवं कलेक्टर, कोरिया को 60 दिन के भीतर समस्त सेवानिवृत्ति देयक के भुगतान का निर्देश दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को विभाग के समक्ष नए सिरे से अभ्यावेदन पेश करने की बात कही थी। कोर्ट के निर्देश पर अभ्यावेदन पेश करने के बाद भी हाई कोर्ट द्वारा तय समयावधि 60 दिनों के भीतर अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया। इससे परेशान याचिकाकर्ता आरएन सनमानी ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व गीता देबनाथ के माध्यम से हाई कोर्ट ने आला अधिकारियों के खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की है। अवमानना याचिका पर जस्टिस एनके चंद्रवंशी के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कि न्यायालय अवमानना अधिनियम, 1973 के धारा-12 में यह प्रविधान है कि हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना होने पर दोषी अधिकारी को छह माह के साधारण कारावास या दो हजार रुपये जुर्माने या कारावास एवं जुर्माने दोनों से दंडित किया जायेगा। चूंकि छत्तीसगढ़ राज्य में पदस्थ अधिकारियों द्वारा किसी भी मामले में निर्धारित समयावधि के भीतर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। हाई कोर्ट के समक्ष वरिष्ठ नागिरकों द्वारा अवमानना याचिका पेश की जा रही है। चूंकि उच्च न्यायालय का समय अत्यंत कीमती होता है। हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों का छत्तीसगढ़ राज्य में पदस्थ अधिकारियों द्वारा समय पर पालन ना किये जाने के कारण अधिकांश वरिष्ठजन न्याय से वंचित रह जाते हैं एवं वरिष्ठजन की न्याय मिलने से पूर्व ही मृत्यु हो जाती है। अधिवक्ता पांडेय ने कोर्ट के समक्ष संवैधानिक प्रविधानों और व्यवहारिक कारणों का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की वर्तमान में उम्र 68 वर्ष है। सचिव राजस्व विभाग एवं कलेक्टर, कोरिया द्वारा आजतलक याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान नहीं किया गया है। अधिवकता पांडेय द्वारा दी गई जानकारी को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने आला अफसरों के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई। सिंगल बेंच ने सचिव राजस्व विभाग-नीलम नामदेव एक्का एवं कलेक्टर, कोरिया-विनय कुमार लांघे को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निदे्रश दिया है। साथ ही कोर्ट ने दोनों अफसरों से पूछा है कि क्यों ना उनके विरुद्ध न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने के संबंध में व अवमानना की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।

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