श्रमिक नेता कलादास डहरिया के घर पर NIA की दबिश
NIA raids the house of labor leader Kaldas Dahria
भिलाई। गुरुवार की सुबह लैबर कैंप जामुल निवासी श्रमिक नेता व छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के सदस्य कलादास डहरिया के घर पर रांची एनआईए की टीम ने दबिश दी। वर्ष 2022 में रांची में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उसी मामले की जांच के लिए एनआईए की टीम यहां पहुंची।एनआईए ने यहां से एक पेन ड्राइव और लैपटॉप जब्त किया है। पेन ड्राइव में प्रतिबंधित संगठन का पर्चा और उनके नेताओं के मोबाइल नंबर मिले हैं। एनआईए ने कलादास डेहरिया को नोटिस जारी कर एक अगस्त को रांची में उपस्थित होने के लिए कहा है। गुरुवार की सुबह सीआईएसएफ के जवानों के साथ एनआईए की टीम ने कलादास डहरिया के घर पर दबिश दी। इस दौरान कलादास डहरिया अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर पर था। एनआईए ने पूरे घर की तलाशी ली। घर से कोई हथियार या अन्य संदिग्ध सामग्री नहीं मिली। घर से एक पेन ड्राइव मिला है। बताया जा रहा है कि उस पेन ड्राइव में प्रतिबंधित नक्सली संगठन का पर्चा और उसके कुछ नेताओं के नंबर थे। इसके साथ ही एनआईए ने कलादास डहरिया की बेटी का लैपटॉप भी जब्त किया है। इस कार्रवाई के बाद कलादास डहरिया मीडिया के सामने आए और उन्होंने इसे भाजपा का षडयंत्र बताया। उन्होंने कहा कि वे एक कलाकार हैं और प्रस्तुति के लिए वे रांची व झारखंड गए थे। उनका नंबर कई लोगों के पास हो सकता है लेकिन, वे किसी भी नक्सली संगठन के सदस्य नहीं है।
ये है पूरा मामला
झारखंड के चाईबासा जिला के आनंदपुर पुलिस ने दो जुलाई 2022 बेड़ाकेंदुदा स्कूल के पास से सुखराम मुंडा, समरू खड़िया और साखु प्रधान को गिरफ्तार किया था। तलाशी में इनके पास से प्रतिबंधित माओवादी संगठन भाकपा का पर्चा, नक्सली साहित्य, सुखराम मुंडा व प्रफुल्ला देवी के नाम का पेन कार्ड आदि मिला था। पूछताछ में इन्होंने बताया था कि ये लोग प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा के मिसिर बेसरा, सौरभ दा, बच्चा सिंह, लाजिम अंसारी, नासिर अंसारी उर्फ छोटू और सुकरा उरांव उर्फ बुधु के लिए चार साल के लिए काम कर रहे थे। इन्होंने ये भी बताया कि ये लोग नक्सली संगठन के सौरभ दा की चिट्ठी जो उन्हें जन जागरण वन अधिकार समिति के अध्यक्ष दामोदर तुरी, लाजिम अंसारी और उसके भतीजे नासिर अंसारी उर्फ छोटू ने दिया था। वे उस चिट्ठी को मिसिर बेसरा को देने के लिए सारंडा जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि नियंत्रण अधिनियम) की धाराओं के तहत प्राथमिकी की थी। बाद में ये मामला एनआइए को सौंप दिया गया था और एनआइए इसी की जांच के लिए कलादास डहरिया के घर पर पहुंची थी।
मजदूरों के लिए काम करता हूं : कलादास
एनआईए की कार्रवाई पर कलादास डहरिया का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई भाजपा सरकार के इशारे पर हो रही है। उनका कहना है कि वे 90 से छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से जुड़े हुए हैं और लगातार मजदूरों के हितों के लिए काम करते हैं। एसीसी कंपनी अड़ानी के हाथों में जाने के बाद भी हमने मजदूरों के हक की बात की उसके आवास व सुविधाओं की बात की। कलादास का कहना है कि सरकार उसका मुंह बंद करना चाहती है इसलिए यह छापेमारी की गई है। नक्सलियों से सांठगांठ का आरोप गलत कलादास डहरिया ने कहा कि एनआईए की टीम ने नक्सलियों से सांठगांठ को लेकर भी सवाल किया है। नक्सलियों से संपर्क को लेकर पूछताछ की है। एनआईए ने कहा कि नक्सलियों से संपर्क की सूचना है। झारखंड के कुछ संदिग्ध संस्थाओं से संपर्क की बात भी की। कलादास का कहना है नक्सलियों से सांठगांठ की बात सही नहीं है। हसदेव अरण्य की बात की, एसीसी जामुल में मजदूर विरोधी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। कई लोगों के पास हमारा नंबर हो सकता है कि इसका मतलब यह नहीं कि नक्सलियों से संपर्क है।
जांच में हमने किया सहयोग
कलादास ने कहा कि हमने एनआईए की टीम का पूरा सहयोग किया है। एनआईए की टीम ने एक पेनड्राइव और उसकी बेटी का लैपटॉप जब्त किया है। पेनड्राइव में जनआंदोलन से जुड़ा एक पर्चा है। उस पर्चे में झारखंड से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी हैं जो आंदोलन से जुड़े थे। इसके अलावा एनआईएक को घर से कुछ भी नहीं मिला। और एक अगस्त को रांची जाएंगे और जो भी पूछताछ करेंगे उसका जवाब देंगे। कलादास डहरिया ने बताया कि एनआईए की टीम के साथ जामुल थाने की पुलिस, दुर्ग कलेक्टर ऑफिस से अधिकारी व तहसीलदार भी पहुंचे थे।