वेबसीरीज बढ़ा रहा परिवार टूटने, अवैध संबंध, युवाओं में नशा और सुसाइड की घटनाएं
रायपुर। वेबसीरीज, टीवी सीरियल, अजीब किस्म के विज्ञापनों को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भारतीय हिंदू समाज के लिए खतरा माना है। रायपुर में विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक हुई। इसमें तय किया गया है भारतीय हिंदू परिवारों को टूटने से बचाया जाएगा। युवाओं में भारतीय संस्कारों और मूल्यों की कमी आई है, धर्मांतरण हो रहे हैं, इन सब पर रोक लगाने VHP अभियान चलाएगा। इस बैठक में देशभर से 44 शहरों के 237 पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के बारे में बताते हुए विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने बताया कि इसमें हिंदू परिवार व्यवस्था पर हो रहे चहुं तरफा प्रहारों] बढ़ती लव जिहाद व धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए एक व्यापक कार्य योजना बनी है। इसके अंतर्गत बजरंग दल आगामी 30 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच देशव्यापी शौर्य जागरण यात्राएं निकालेगा। इन यात्राओं के माध्यम से देश के हर कोने मैं रहने वाले हिंदुओं को संगठित कर उन्हें इन समस्याओं से निपटने में सक्षम बनाया जाएगा।
VHP दीपावली के आस-पास संतों की यात्रा देशभर में आयोजित करने जा रही है। इसमें संत उन आम परिवारों के बीच जाएंगे जहां आमतौर पर संत नहीं जाते। लोगों के बीच सामाजिक व राष्ट्रीय जीवन मूल्यों से जुड़े कार्यक्रम होंगे। इस राष्ट्रीय बैठक में हिंदू परिवार व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव पारित हुए हैं। विहिप ने मनोरंजन जगत, वामपंथी शिक्षाविदों और कोर्ट के कुछ फैसलों को हिंदू समाज के लिए खतरा माना है।
VHP के मुताबिक आज क्या हो रहा असर
विश्व हिंदू परिषद के देश भर से आए पदाधिकारियों ने माना है कि हिंदू परिवार व्यवस्था को अव्यवस्थित और विखंडित करने के लिए भारत विरोधी शक्तियां पूरी प्लानिंग के तहत काम कर रही हैं। VHP की ओर से आधिकारिक रूप से कहा गया है कि भारत के घर-घर में सबसे बड़ा आक्रमण एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ओर से होता दिखाई दे रहा है। फिल्में, वेब सीरीज और धारावाहिकों के जरिए लोगों में स्वेक्षाचरिता यानी अपनी मनमर्जी करना, संस्कारों को ना मानना जैसी हरकतों का महिमामंडन किया जा रहा है।
परिवार व्यवस्था का मजाक बनाया जा रहा है, औद्योगिक जगत भी अपने विज्ञापनों में हमारी संस्कृति संस्कार और परंपराओं को अपमानित कर समाज को उनकी मूल जड़ों और संस्कृति से काटने का षड्यंत्र कर रहे हैं। इनकी वजह से समाज में मानसिक तनाव, संबंधों का टूटना, विवाह के अलावा अवैध संबंध, नशाखोरी, आत्महत्या, लिव इन रिलेशनशिप जैसी चीजें भारतीय समाज का स्वरूप बिगाड़ रही हैं। समलैंगिक संबंधों के बारे में न्यायपालिका के पिछले दिनों आए कई निर्णय तथा समलैंगिक विवाह के संबंध में दिखाई गई अति सक्रियता परिवार व्यवस्था को तोड़ने वाली सिद्ध होती है।
एजुकेशन सिस्टम को लेकर विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि समाज और परिवार को मजबूत बनाने में शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान होता है। लेकिन वामपंथी शिक्षाविदों ने ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए हैं जिससे युवा पीढ़ी के मूल संस्कार खत्म हो रहे हैं, युवाओं में बुजुर्गों के प्रति दायित्व बोध खत्म हो रहा है, बच्चों को जन्म देना एक बोझ समझा जा रहा है।
हिंदू परिवारों को ये करना होगा
बैठक में तय किया गया है कि शिक्षा नीति को ऐसा करने की जरुतर है कि युवाआंे मंे संस्कार भी हो। प्रस्ताव में न्यायपालिका से भी अपेक्षा की गयी है कि वह अपने निर्णयों में इसका ध्यान रखें। हिन्दू परिवारों से भी कुछ गतिविधियां करने कहा गया। इसका प्रचार विहिप करेगा। परिवार से अलग रह रहे लोग मूल परिवार से संपर्क करें। पूर्वजों के स्थानों से जुड़ाव। पारिवारिक सहभोज यानी सभी साथ में भोजन करें। पूरा परिवार समय समय पर एकत्र हो। सामूहिक भजन, दान, सेवा कार्य हो। उत्सवों, तीर्थ घूमने जाएं, मातृभाषा का प्रयोग, स्वदेशी उपयोग का आग्रह है।
रामायण और गीता पर परीक्षा होगी
विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के जरिए देशभर में हिंदू परिवारों के बीच सनातनी सोच काे मजबूत करने का काम करेगा। जल्द ही देशभर में बजरंग दल की शौर्य जागरण यात्राएं होंगी। पदाधिकारियों ने बताया कि देशभर में ब्लॉक स्तर पर निकलकर युवा पीढ़ी को विशेष रूप से जोड़ा जायेगा। विहिप अपने बाल संस्कार केंद्रों के विस्तार के साथ गीता/रामायण की परीक्षाएं भी आयोजित करेगी।