स्वामी प्रसाद ने सपा और विधान परिषद की सदस्यता से दिया इस्तीफा
Swami Prasad resigns from membership of SP and Legislative Council
लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाने वाले कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा की प्राथमिक सदस्यता और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा है कि 12 फरवरी को उनसे हुयी बातचीत और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर कोई पहल न होने के फलस्वरूप वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। एक अन्य पत्र में उन्होने विधान परिषद के सभापति को लिखा कि वह सपा के प्रत्याशी के रुप में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य विधान परिषद के लिये निर्वाचित हुये थे और जब उन्होने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है तो नैतिकता के आधार पर विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहे हैं। गौरतलब है कि मौर्य ने पिछले दिनो सपा के कुछ नेताओ से उनके प्रति रवैये से नाराजगी व्यक्त की थी और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से कहा था कि उनके बयान पार्टी के हित में होते है मगर पार्टी उनके निजी बयान कह कर उनसे किनारा कर लेती है जो सही नहीं है। इस पर यादव की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भी सपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर पिछले दिनो उन्होने अपने निजी राजनीतिक दल बनाने की घोषणा कर दी थी जिस पर अखिलेश यादव ने तंज कसते हुये कहा था कि कोई किसी के मन की बात को नहीं जान सकता और किसी के मन में क्या है कौन सी मशीन बतायेगी लाभ लेके तो सब चले जाते हैं। यादव के तंज पर पलटवार करते हुये मौर्य ने एक बयान जारी कर कहा था कि सपा की सरकार न तो केंद्र में है और न ही उत्तर प्रदेश में है। इसलिये लाभ देने का आरोप सरासर निराधार है। वास्तव में सपा के पास उन्हे कुछ देने की हैसियत नहीं है और उन्होने जो भी दिया है, वह उसे सम्मान के साथ वापस कर देंगे। उनके लिये पद नहीं बल्कि विचार मायने रखते है। श्री यादव की कही हुयी बात के लिये वह उन्हे मुबारकबाद देते हैं।