राहगीरों पर बरसा आवारा कुत्तों का आतंक, सैकड़ों को बनाया शिकार
Stray dogs terrorized pedestrians, hundreds became victims
बिलासपुर । शहर समेत जिले में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। रात में गली-मोहल्लों और चौक-चौराहों में आवारा कुत्तों की फौज से पीछा छुड़ाना मुश्किल हो रहा है। रोजाना कम से कम औसतन 15 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। सिम्स में रोजाना दस से ज्यादा और जिला अस्पताल में हर दिन चार से पांच आहत लोंग रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। दोनों अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक नवंबर से दो फरवरी की स्थिति तक 975 लोगों को कुत्तों ने काटा है। शहर के कुछ ऐसे स्थान हैं जहां कुत्तों को लेकर समस्या ज्यादा है। यहां से रात में गुजरने वाले अपना रास्ता बदल लेते हैं। सिटी कोतवाली के सामने, करबला रोड से पुराने बस स्टैंड चौक, इमलीपारा रोड, पुलिस लाइन रोड, बृहस्पति बाजार, कुदूदंड, सरकंडा, गोंड़पारा, श्रीकांत वर्मा मार्ग, कतियापारा, तारबाहर, व्यापार विहार मार्ग, सरकंडा नूतन चौक, गौरवपथ रोड, चिंगराजपारा आदि ऐसे स्थान हैं, जहां कुत्तों द्वारा राहगीरों को काटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। ऐसे में कुत्ते के काटने के बाद मरीज सिम्स या जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। जहां रेबिज का इंजेक्शन लगाया जा रहा। यदि जल्द ही इन आवारा कुत्तों की संख्या कम नहीं की गई और नियंत्रण पर व्यापक कदम नहीं उठाए जाते तो आने वाले दिनों में भी लोग आवारा कुत्तों का शिकार इसी तरह होते रहेंगे। कुत्ता काटने के बाद रेबीज इंजेक्शन लगवाने वाले ज्यादातर लोगों का कहना है कि वे लोग कुत्ते का शिकार रात के समय या फिर सुबह मार्निंग वाक के दौरान हुए हैं। ठंड का मौसम आने के साथ ही अब अधिकतर लोग सुबह मार्निंग वाक के लिए निकल रहे हैं। ऐसे में कुत्तो के झुंड से बचने के लिए लोग घर से ही छड़ी लेकर टहलते नजर आते हैं। शहर के चौक-चौराहों के अलावा गली-मोहल्लों और बड़ी-छोटी कालोनियों में भी कुत्तों की संख्या बढ़ चुकी है। जिसके साथ ही डाग बाइट के मामले भी बढ़ गए हैं। नगर निगम की ओर से इन आवारा कुत्तों पर नकेल कसने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। आवारा कुत्ते पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। कुत्तें पकड़ने के साथ ही उनकी नसबंदी भी कराना होता है। लेकिन निगम का अमला इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा। इसी वजह से लगातार कुत्तों की संख्या बढ़ते जा रही है। निगम के आकड़ों के अनुसार मौजूदा स्थिति में शहर में साढ़े आठ हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते सक्रिय हैं। इनमें से कई हिसंक हो चुके हैं और लोगों को काट रहे।