छत्तीसगढ़

निशु के अदम्य साहस के आगे माउंट एवरेस्ट भी बौना

Even Mount Everest dwarfs Nishu's indomitable courage.

बिलासपुर। निशु सिंह के अदम्य साहस के आगे माउंट एवरेस्ट भी बौना पड़ गया। निशु ने माउंट एवरेस्ट को फतह कर देश का नाम रौशन किया है। देश-विदेश के कई विशाल पहाड़ों को लांघ चुकी निशु का सपना महिलाओं को सशक्त बनाना है। देश प्रेम का ऐसा जुनून कि शहर की निशु सिंह ने तीन बार लद्दाख में तिरंगा फहरा चुकी है। जांबाज बेटी ने इस बार माउंट जो जंगो पर्वत में 6,218 मीटर चढ़ाई कर तिरंगा लहराया। देश-विदेश में अब तक लगभग दो दर्जन पर्वतों को अपने कदमों से नाम चुकी है। निशु माउंट जो जंगो के अलावा एक और पर्वत कंगारू ला पास जिसकी ऊंचाई 5,258 मीटर है उसे भी नाप लिया। अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही निशु ने अपनी टीम के साथ चार साल से लगातार पर्वतारोहण कर रही है। इससे अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भी भारतीय तिरंगा फहरा चुकी हैं। इस सप्ताह माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहरा कर अपना सपना भी पूरा कर चुकी है। 27 वर्षीय निशु सिंह के पिता विपिन कुमार सिंह सीआरपीएफ में जवान रह चुके हैं। वर्तमान में वो छत्तीसगढ़ में एक प्राइवेट बैंक में सिक्युरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं। सीमित संसाधन तथा साधारण परिवार से आने के बावजूद निशु ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई ऊंचाइयां हासिल की हैं। पिता विपिन सिंह ने हमेशा अपनी बेटी का साथ दिया है। उनके प्रोत्साहन तथा समर्थन से निशु अनेक ऊंचाइयों को छू रही है। मां मुनी देवी और छोटे भाई रवि और विशाल सिंह ने हमेशा निशु का उत्साह बढ़ाया है। बता दें कि सीएमडी कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे बिलासपुर के आसपास पहाड़ों पर चढ़ने लगीं। हिंदुस्तान एडवेंचर फाउंडेशन ने उनके इस साहस को देखते हुए प्रशिक्षण दिया। स्पासंर सहित सहायता के लिए लगातार चक्कर भी काटी। पर्वतारोहण की ट्रेनिंग पास कर चुकी हैं। देश के अलग अलग कोने से साइकिल यात्रा भी कर चुकी है।

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