छत्तीसगढ़
दिव्यांगता कमजोरी नही, मन के हौसले से जीवन की उड़ान
Disability is not weakness, flight of life with courage of mind

मुख्यमंत्री जनदर्शन: ट्रायसायकल मिलने पर दिव्यांग पति-पत्नी के चेहरे खिल उठे
रायपुर । दिव्यांगता को कमजोरी नही मान कर हौसले से जीवन को सहज और सरल तरीके से जीने की कला कोई भागवत से सीखे। जन्म से ही दोनों पैरों से विकलांग भागवत आरंग विकासखंड के ग्राम केशला के रहने वाले है। शिक्षा समाप्ति के बाद बिजली विभाग में कॉल अटेंडर के रूप में कार्य करना शुरू किया। भागवत की दिव्यांगता के चलते विवाह में दिक्कतें हुई। ऐसे में उन्होंने दिव्यांग लड़की से विवाह करने का फैसला लेकर दिव्यांग वीणा निषाद से विवाह किया। बिजली विभाग फोन अटेंडर के रूप में कार्य करने से होने वाली आय से घर परिवार चलाने में दिक्कते खड़ी होना प्रारम्भ हो गया। वैसे भी उन्हें कार्यस्थल तक आने जाने के लिए दूसरों की मदद लेनी होती थी। किसी पर आश्रित नही होने की महत्वाकांक्षा उसे अंदर ही अंदर खाये जा रही थी। कही भी आने जाने की सुविधा के लिए भागवत ने निःशुल्क बैटरी चलित ट्रायसाइकल के लिए समाज कल्याण और सम्बन्धित विभागों में आवेदन देने के बाद भी पिछले 2 सालों से उन्हें सहायता नही मिल पा रहा था। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा आमजनों की शिकायतों और मांगो को पूरा करने के लिए जनदर्शन के बारे में पता चला। भागवत मुख्यमंत्री के सहृदयता के बारे में विभिन्न माध्यमो से अवगत थे। उन्हें पूरे विश्वास था कि जनदर्शन में जाने से निश्चित रूप से मदद मिलेगी। जनदर्शन कार्यक्रम में भागवत अपनी दिव्यांग पत्नी के साथ उपस्थित होकर बैटरी चलित ट्रायसाइकल हेतु मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को आवेदन प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने उनके आवेदन पर संवेदनशीलता से विचार कर दोनों को तत्काल बैटरी चलित ट्रायसाइकल प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमल करते हुए दिव्यांग पति-पत्नी को बैटरी चलित ट्रायसाइकल प्रदान की गई। ट्रायसाइकल मिलने पर दिव्यांग पति पत्नी के खुशी का ठिकाना न रहा। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का दिल से आभार व्यक्त किया।