छत्तीसगढ़

तेज रफ्तार से फैल रहा बिलासपुर में मलेरिया

Malaria is spreading rapidly in Bilaspur

बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग का नियंत्रण कार्य बहुत ही धीमा है। इसी वजह से स्वास्थ्य अमला समय पर मरीज तक नहीं पहुंच पा रहा है और मरीज की हालत बिगड़ते जा रही है। वही दूसरी ओर मलेरिया के मच्छर लोगों को लगातार बीमार कर रहा है। यदि मलेरिया रोकने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम नहीं उठाया गया तो इसके और गंभीर परिणाम सामने आएंगे।

ग्राम पंचायत सिलपहरी के सरपंच दुष्यंत कुमार ने बताया कि इस ग्राम पंचायत और आश्रित ग्राम कारीमाटी में इससे पहले कभी भी स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया है और नहीं स्वस्थ विभाग की ओर से कभी मच्छरदानी बांटी गई है। यहां तक कि कोई टैबलेट वितरण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की सभी योजना बस कागजों तक सीमित है। इसी वजह से मलेरिया, डेंगू के लिए संवेदनशील गांव होने के बाद भी कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है और हर साल मलेरिया के मामले सामने आते हैं।

ग्राम कारीमाटी पहुंच विहीन गांवों में से एक होने के साथ पहाड़ पर बसा हुआ है। यहां पर दो-पहिया वाहन भी बड़ी मुश्किल से पहुंच पाता है। यातायात के कोई भी साधन नहीं है। ज्यादातर पैदल ही आना-जाना होता है। इसी वजह से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इस गांव में नहीं जाती है। ऐसे में ग्रामीणों को अपने हाल में जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा इनसे काफी दूर है। इन्ही कारणों से इन्हें झोलाछाप से इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में भी मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं। इसे उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने तत्काल संज्ञान में लिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई और मलेरिया के पाजिटिव मरीजों के उपचार करने के निर्देश दिए हैं। मुंगेली सीएमएचओ डा़ देवेंद्र पैकरा ने बताया कि डिप्टी सीएम के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर राहुल देव के मार्गदर्शन में अचानकमार सेक्टर के ग्राम अचानकमार, तिलैईडबरा, छपरवा और सारसडोल में मलेरिया जांच सह स्वास्थ्य जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। यहां मलेरिया पाजिटिव मरीज मिलने पर उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button