छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में महिलाये असुरक्षित – सुप्रिया श्रीनेत

Women are unsafe in the entire country including Chhattisgarh - Supriya Srinet

रायपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं एआईसीसी की सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की उपस्थिति में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि देश की आधी आबादी का क्या हाल है आज? देश में स्कूल की नाबालिक बच्ची, दफ्तर में काम करने वाली महिला, बस में चलने वाली गृहणी क्या सुरक्षित है? ऐसा प्रतीत होता है कि आधी आबादी के लिये, महिलाओं के लिये इस देश में कोई जगह सुरक्षित नहीं बची है। पूरा देश आक्रोशित है आज पूरा देश आंदोलित है। जिस तरह की घटना बंगाल में हुई। कितनी निर्भया चाहिये इस देश को और कितनी निर्भया की कुर्बानी होगी तब ये देश जागेगा और सत्ता का संरक्षण खत्म होगा?
उन्होंने छत्तीसगढ़ के महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधो पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ की बात हो चाहे वो रायपुर के बस स्टैण्ड के सामने बलात्कार का मामला हो, भिलाई के एक डीपीएस स्कूल में चार साल के बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का मामला हो, जहां पुलिस ने बिना एफआईआर, बिना जांच के घटना को नकार दिया। रायगढ़ के पुसोर में एक आदिवासी महिला का 14 लोगो के द्वारा किया गया दुष्कर्म का मामला हो, जशपुर में एक बच्ची के साथ सामूहिक दूराचार का मामला हो, कोण्डागांव में एक महिला के साथ दुष्कर्म का मामला हो, छत्तीसगढ़ भी लगातार बढ़ते दुष्कर्म और यौन शोषण के मामलो में अछूता नहीं है। किसी भी महिला के खिलाफ उत्पीड़न, शोषण का मामला पूरी आधी आबादी के खिलाफ का मामला है। यह सभ्य समाज और पुरूषो पर धब्बा है। दुर्घटना होती है तो सरकार क्या करती है? सरकार दुराचारी को बचाने में जुट जाती है, सरकार लीपा पोती में जुट जाती है, सरकार ने रायपुर के सामूहिक बलत्कार को एक व्यक्ति के द्वारा किया गया दुष्कर्म बताया, गैंग रेप नहीं है। 20-20 दिन तक कोण्डागांव में एफआईआर नहीं लिखी जाती है। लोग आंदोलित होते है सड़को पर आते है, तब जाकर एफआईआर होता है। बदलापुर में 500 लोगो को रेल पटरी में जाम करना पड़ा तो पांच दिन बाद आरोपी को पकड़ा गया और 24 घंटे बाद एफआईआर लिखी गयी। सरकार क्या करती है और सरकार किसके साथ खड़ी रहती है। क्या सरकार और जो लोग सत्ता में बैठे है वे इस देश के बेटियो के साथ खड़े है? क्या महिलाओं के साथ खड़े है? चाहे दिल्ली हो, चाहे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ हो सत्ता का संरक्षण हमेशा आरोपियो को मिलता है।
पुलिस और प्रशासन आरोपी को बचाने में संलिप्त पाये जाते है और पीड़ित महिला को दरदर भटकना पड़ता है, आंदोलन करना पड़ेगा तो एफआईआर लांच होगी। इतना हौसला आता कहां से है क्योकि इनको पुलिस, प्रशासन का डर नही है, और उनको संरक्षण मिलता है। देश का एक सांसद देश की बेटी का यौन शोषण करता है, उस सांसद को संरक्षण मिला और उल्टा देश की बेटी को न्याय नही मिला। सरकार में बैठे लोगो ने पीड़ितो के आवाज को दबाने का काम किया। उन्नाव में बलात्कार घटना हुयी और तब तक कार्यवाही नही हुयी जब कोर्ट ने इंटरफेयर किया तब आरोपी गिरफ्तार हुआ।
छत्तीसगढ़ में पिछले 8 महीने में लगभग 600 बलात्कार के मामले सामने आये है। बदलापुर में दो चार साल के बच्चियो का यौन शोषण होता है। महिलाओं के खिलाफ 3 हजार से ज्यादा अपराधिक गतिविधिया हुयी है। सत्ता में बैठे लोग इन लोगों को संरक्षण देते है। यह हौसला इस देश के प्रधानमंत्री देते है जो सब कुछ जानते हुये भी कर्नाटक जाकर प्रज्वल रेवन्ना के लिये वोट मांगते है, सारा देश आक्रोशित एवं आंदोलित है। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में आईआईटी के भाजपा आईटी सेल के तीन कार्यकर्ता गैंग रेप के आरोपी है, 2 को बेल मिल जाती है और जब घर आते है तो ऐसा स्वागत होता है मानो देश की आजादी की लड़ाई लड़कर आये हो। इसलिये हौंसला आता है कि 2023 और 2024 के दौरान महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों के बीस से पच्चीस मामले ऐसे है, जिसमें बीजेपी के नेता, कार्यकर्ता और सांसद शामिल है। चाहे वह उत्तराखंड हो, उत्तरप्रदेश हो या मध्यप्रदेश हो तमाम ऐसे वाकया है। सत्ता का नशा ऐसा ही देश की बर्बादी में लग गया है। यह छत्तीसगढ़ में भी हो रहा है छत्तीसगढ़ की पहचान माई से है उस छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे है।

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