छत्तीसगढ़ सरकार ने सड़क हादसों को रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब हाइवे पर वाहनों की निगरानी के लिए इंटरसेप्टर वाहनों को तैनात किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने करीब साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से नए इंटरसेप्टर वाहन खरीदे हैं। आज से सभी इंटरसेप्टर वाहनों को सड़कों पर तैनात कर दिया गया है। इन वाहनों की मदद से नशेड़ी और बिगड़ैल चालकों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। छत्तीसगढ़ में नए इंटरसेप्टर वाहनों को राजधानी रायपुर समेत 15 जिलों में तैनात किया जाएगा। पहली बार ऐसी इंटरसेप्ट मशीन लाई गई है, जो वाहन की हेडलाइट की रोशनी, वाहनों के कोलाहल से लेकर शीशों पर लगी काली फिल्म तक की जांच कर सकेगी।
नए इंटरसेप्टर वाहन में स्पीड राडारगन
नए इंटरसेप्टर वाहन में स्पीड राडारगन लगा है, जो निर्धारित गति से तेज चलने वाले वाहनों की गति मापेगा। ब्रीथ एनालाइज़र लगा है, जिससे नशे में वाहन चलाने की जांच की जाएगी। सर्विलांस कैमरा है, जिससे वाहन चालकों की निगरानी की जाएगी। प्रकाश तीव्रता मापन यंत्र से वाहन की तेज हेडलाइट्स की जांच की जाएगी। ध्वनि मापक यंत्र से वाहन में लगे ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज मापी जाएगी। ग्लास पारदर्शिता यंत्र से वाहन के ग्लास की पारदर्शिता मापी जाएगी। और पीए सिस्टम यंत्र से सुगम यातायात प्रबंधन का दिशा-निर्देश दिया जाएगा। ये सभी सुविधाएं एक ही इंटरसेप्टर में मौजूद हैं।
इन जिलों में होंगे संचालित
संजय शर्मा, एआईजी पीएचक्यू ने बताया कि नए इंटरसेप्टर वाहनों को जिला रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, सरगुजा, जगदलपुर, कांकेर में तैनात किया जा रहा है। 15 जिलों में इंटरसेप्टर वाहनों को चलाने और मशीन को ऑपरेट करने के लिए करीब 30 पुलिस जवानों को ट्रेनिंग दी गई है।
हादसों का आंकड़ा
छत्तीसगढ़ में साल 2023 में सड़क हादसों में 4400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि 8 हजार से अधिक लोग घायल हुए थे। वहीं साल 2022 में करीब 4200 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 8500 लोग घायल हुए थे। साल 2024 में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में पिकअप वाहन पलटने से 22 लोगों की मौत जैसे हादसे हो चुके हैं। यही वजह है कि सरकार अब हादसों को रोकने के लिए मजबूत इंतजाम कर रही है।
सर्वाधिक हादसा का ये है टाइमिंग
छत्तीसगढ़ पुलिस ने हादसों को लेकर एक सर्वे किया था, जिसमें पाया गया कि हाइवे पर शराब पीकर वाहन चलाने, रांग साइड में वाहन चलाने और तेज रफ्तार में ड्राइविंग से हादसे होते हैं। सर्वाधिक हादसे शाम 6 बजे से रात 10 बजे के बीच होते हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इंटरसेप्टर वाहनों की जरूरत महसूस की जा रही थी।