मध्य प्रदेश

ओरछा में भगवान श्रीराम के प्रसंगों को दर्शाया जाए – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ओरछा में विकसित हो रहे श्री रामराजा लोक में भगवान श्रीराम के वनवास अवधि में वर्तमान मध्यप्रदेश के भू-भाग में बिताई गई समयावधि के प्रमुख प्रसंगों को दर्शाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इन स्थानों पर लाइट एंड साउंड शो की प्रस्तुति की व्यवस्था भी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकसित हो रहे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के आय के साधन सुनिश्चित करते हुए उनके निर्माण और प्रबंधन की प्रक्रिया तय की जाए, ताकि सभी लोकों का संचालन सुव्यवस्थित रूप से हो सके। लोकों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संबंधित विभागों जैसे संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग की स्थानीय स्तर पर संचालन समिति बनाई जाए।

बैठक में संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति तथा पर्यटन श्री शिवशेखर शुक्ला तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

भादवा माता लोक से आयुर्वेदिक अस्पताल को जोड़ा जाए

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि विकसित हो रहे सभी धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के निर्माण कार्य में आकल्पन इस प्रकार से हो कि सौंदर्यीकरण और आकर्षण दीर्घकालीन बना रहे। उन्होंने संत रविदास लोक, सागर में शोधपीठ और शैक्षणिक संस्था विकसित करने के निर्देश भी दिए। डॉ. यादव ने कहा कि भादवा माता लोक नीमच में श्रद्धालु दर्शन के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से भी आते हैं। इसलिए भादवा माता लोक से आयुर्वेदिक अस्पताल और फिजियोथेरेपी सेंटर को भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर जिस स्थापत्य शैली में बने हैं, उनकी विशेषताओं का संरचनाओं के निर्माण में अनुसरण सुनिश्चित किया जाए।

प्रदेश की कला-संस्कृति-स्थापत्य और व्यंजनों पर केंद्रित हो मेले

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश की कला-संस्कृति-स्थापत्य और प्रमुख व्यंजनों पर केंद्रित मेले देश के अन्य राज्यों में आयोजित किए जाएं, जिससे प्रदेश के पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गौरव के केंद्र बनेंगे लोक

प्रदेश में सांस्कृतिक, धार्मिक पुनर्जागरण और पर्यटन के विकास के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्वारा 18 लोकों के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। इनमें 14 धार्मिक और 4 सांस्कृतिक आधार के हैं, जिनमें 10 धार्मिक और 4 सांस्कृतिक लोकों का निर्माण कार्य जारी है। इन लोकों से विशिष्ट धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण, आस-पास की अधोसंरचना के विकास और श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए उच्च स्तरीय सुविधाओं का विकास किया जाएगा। युवाओं में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गौरव की भावना सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लाइट एंड साउंड शो, प्रदर्श वीथिकाओं व प्रोजेक्शन, मेपिंग आदि आधुनिक तकनीक द्वारा धार्मिक गाथाओं, लोक कलाओं आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।

बैठक में संत रविदास लोक सागर, देवी लोक सलकनपुर, श्री रामराजा लोक ओरछा, जाम सांवली श्री हनुमान लोक पांढुर्णा, पशुपतिनाथ लोक मंदसौर, परशुराम लोक महू, भादवा माता लोक नीमच, मां नर्मदा महालोक अमरकंटक, देवी अहिल्या लोक खरगोन, नागलवाड़ी लोक बड़वानी आदि के कार्यों में हुई प्रगति की जानकारी दी गई। इसके साथ ही मां पीतांबरा लोक दतिया, रतनगढ़ माता मंदिर लोक दतिया, मां शारदा देवी मैहर, मां जोगेश्वरी माता मंदिर चंदेरी, रानी दुर्गावती स्मारक जबलपुर, अटल स्मारक ग्वालियर, महाराणा प्रताप लोक भोपाल और रानी अवंती बाई स्मारक जबलपुर की कार्य योजना पर भी बैठक में विस्तृत चर्चा हुई।

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