नई दिल्ली। आज राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और सांसद जया बच्चन के बीच बहस हो गई। जया बच्चन ने धनखड़ की ‘टोन’ पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद उपराष्ट्रपति ने इस आपत्ति पर कड़ा एतराज जताया। दरअसल, जया बच्चन ने कहा कि “मैं एक कलाकार हूं, मैं बॉडी लैंग्वेज और भावों को समझती हूं। मुझे माफ करें, लेकिन आपका टोन स्वीकार्य नहीं है। हम सहकर्मी हैं।
जया बच्चन के इतना बोलते ही उपराष्ट्रपति ने जया बच्चन को बैठने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि “आपने बहुत नाम कमाया है। एक अभिनेता निर्देशक का विषय होता है। आप वह नहीं देख पा रहे हैं जो मैं यहां से देख रहा हूं। आप भले ही एक सेलिब्रिटी हों, लेकिन आपको शिष्टाचार समझना होगा।”
जया बच्चन और सभापति के बीच हुई इस बहस के बाद विपक्षी सांसदों से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद जेपी नड्डा ने विपक्ष के आचरण को अनुचित बताया और निंदा प्रस्ताव पेश किया।
हम स्कूल के बच्चे नहीं
वॉकआउट के बाद जया बच्चन ने मीडिया से कहा कि “मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई। हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं। हम सब वरिष्ठ हैं, खासकर जब नेता विपक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) बोलने के लिए खड़े हुए उन्होंने माइक बंद कर दी। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ये परंपरा के खिलाफ है। अगर आप उन्हें बोलने नहीं देंगे तो हम क्या करने आए हैं? वो हमेशा असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रेटी होंगी मुझे फर्क नहीं पड़ता। ये महिलाओं का अपमान है। मुझे माफी चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने जताई आपत्ति
विपक्ष द्वारा वॉकआउट करने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह न केवल सभापति का अपमान है, यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान का भी अपमान है।’ गैर-जिम्मेदार विपक्ष देश को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहा है।’