छत्तीसगढ़

साहेबगंज (झारखंड) मोबाइल चोर गिरोह के पांच आरोपित रायपुर से गिरफ्तार

Sahebganj (Jharkhand) Five accused of mobile theft gang arrested from Raipur

रायपुर। रायपुर और दुर्ग से सात मोबाइल फोन चोरी करने वाले साहेबगंज (झारखंड) गिरोह के पांच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एक आरोपित नाबालिग है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मौके का फायदा उठाकर मोबाइल चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। पुलिस ने शिवा महतो, जतन कुमार महतो, बिरझू सिंह और राहत कुमार महतो को पकड़ा है। सभी साहेबगंज झारखंड के रहने वाले हैं। इनका एक गिरोह काम करता है। इसके लिए साहेबगंज में चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद उनको हर महीने सैलरी भी दी जाती है। वे वहां से दूसरे जगहों पर में आकर चोरी करते हैं। इसके बाद यहां से भाग जाते हैं। इसके बाद गिरोह के सरगना तक मोबाइल पहुंचता है। शहर में लगातार मोबाइल चोरी की वारदात हाे रही। जिस पर एंटी क्राइम एंड सायबर यूनिट की टीम को सूचना प्राप्त हुई कि थाना गंज क्षेत्रांतर्गत तेलघानी नाका चौक स्थित शराब भठ्ठी के पास दो व्यक्ति अपने पास मोबाइल फोन रखे हैं। बिक्री करने की फिराक में ग्राहक की तलाश कर रहे हैं। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में क्राइम और थाना गंज पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा उक्त स्थान पर जाकर मुखबिर द्वारा बताए हुलिए के व्यक्तियों को चिन्हांकित कर पकड़ा गया। पूछताछ में व्यक्तियों ने अपना नाम शिवा महतो एवं जतन कुमार महतो निवासी झारखंड का होना बताया। टीम के सदस्यों द्वारा दोनों की तलाशी लेने पर उनके पास मोबाइल फोन रखा होना पाया गया, दोनों से मोबाइल फोन के कागजात के संबंध में पूछताछ करने पर उनके द्वारा गोल-मोल जवाब देकर लगातार टीम को गुमराह करने लगे। दोनों से कड़ाई से पूछताछ करने पर उनके द्वारा मोबाइल फोन को चोरी का होना बताया। साथ-साथ अपने अन्य साथी बिरझू सिंह, राहुल कुमार महतो और एक नाबालिग शामिल था। जिस पर पुलिस ने इनके पास से सात मोबाइल फोन जब्त किए। पकड़े गए एक नाबालिग चाेरों ने पुलिस काे बताया है कि उन्हें प्रतिदिन 5-10 माेबाइल चुराने का टारगेट दिया गया था। इसके एवज में 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह उसे वेतन दिया जाता था। वह अासानी से अपना टारगेट पूरा कर लेते हैं। मोबाइल चोरी करने की साहेबगंज में ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद वे दूसरे राज्यों में चोरी करते हैं। गैंग का सरगना साहेबगंज में है। माेबाइल चुराने के लिए बच्चों व महिलाओ काे गैंग में रखते हैं। इन्हें ट्रेनिंग देकर अलग-अलग शहराें में भेजते हैं। इहें प्रतिमाह सैलरी भी देते हैं। चाेरी के माेबाइल भी वही खपाते हैं।

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