रंग लाई योगी सरकार की मेहनत, यूपी में ग्राउंड ब्रेकिंग के करार पर शुरू हुए 39 उद्योग
Yogi government's hard work pays off, 39 industries started in UP on ground breaking agreement
वाराणसी । ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में हुए समझौते के तहत अब तक 39 उद्योगों का संचालन शुरू हो गया है। कुछ ऐसे उद्योग हैं, जिनमें वस्तुओं का उत्पादन हो रहा है तो कुछ होटल, नर्सिंग कॉलेज भी हैं। विभिन्न क्षेत्रों में लगे इन उद्योगों में कुल 2973 लोगों को रोजगार मिला है। वहीं सैकड़ों को परोक्ष रोजगार मिला है। इन उद्योगों की स्थापना में 1093 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसी साल फरवरी में लखनऊ में हुए समझौतों के तहत ये उद्योग लगाए गए हैं।
फूड प्रोसेसिंग, प्रिंटिंग, पैकेजिंग, बेकरी, साड़ी, होटल, पीवीसी पाइप, फार्मेसी कॉलेज, डेयरी, टेक्सटाइल्स, ग्लास आदि क्षेत्र से जुड़े उद्योग इनमें शामिल हैं। चांदपुर, करखियांव औद्योगिक क्षेत्रों में इनका संचालन हो रहा है। कपड़े के उत्पादन की फैक्ट्री में 350 लोगों को रोजगार मिला है। होटलों में एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। ग्लास फैक्ट्री में 150, बेकरी उद्योग में 120, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर बनाने वाली फैक्ट्री में 50, मेंथॉल क्रिस्टल बनाने वाली कंपनी में 70 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
ग्राउंड ब्रेकिंग के करार पर 39 उद्योग हुए शुरू
ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के बाद से अब तक 39 उद्योगों का संचालन शुरू हो गया है। जल्द अन्य उद्योगों में भी काम शुरू हो जाएगा। -उमेश कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त उद्योग
132 उद्योग संचालन को तैयार
जिले में 132 उद्योग संचालन को तैयार हैं। इनमें तीन-चार माह में काम शुरू हो जाएगा। इन उद्योगों में 45 हजार 686 लोगों को रोजगार मिलेगा। 15400 करोड़ रुपये का निवेश इन उद्योगों पर हुआ है।
औद्योगिक कॉरिडोर के लिए प्राधिकरण गठित किया
वाराणसी सहित आसपास के सात जिलों के प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोर के लिए शासन ने वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक विकास प्राधिकरण गठित किया है। यह पूरी कार्ययोजना को धरातल पर मूर्त रूप देगा। प्राधिकरण औद्योगिक कॉरिडोर निर्माण के लिए वाराणसी क्षेत्रीय विकास कार्ययोजना तैयार करेगा।
प्रदेश शासन ने इसके लिए 17 सदस्यीय वर्किंग ग्रुप गठित किया है। ग्रुप में अपर मुख्य सचिव आवास व शहरी नियोजन अध्यक्ष होंगे। मुख्य सचिव ने वर्किंग ग्रुप को निर्देश दिया है कि कार्ययोजना के लिए सभी विभाग अपने-अपने प्रस्ताव देंगे। इसमें प्रमुख रूप से राजस्व विभाग, विकास प्राधिकरण, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, सेतु निगम मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अधीन राज्यस्तर पर काम करने वाली संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी। पूरी परियोजना के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण को नोडल बनाया गया है।
वर्किंग ग्रुप में ये शामिल
अपर मुख्य सचिव आवास व शहरी नियोजन, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू, राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव न्याय व विधि परामर्श, सचिव वित्त नियोजन (पीडब्ल्यूडी), परिवहन आयुक्त, ग्राम्य विकास आयुक्त, पंचायती राज निदेशक, जलनगिम के एमडी, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ, नगर परिवहन के मिशन निदेशक, सम्बंधित प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, जिलों के डीएम, सिंचाई व जल संस्थान विभाग विभाग के प्रमुख मुख्य अभियंता, मुख्य नगर व ग्राम नियोजक, संबंधित नगर
क्या है रीजनल डेपलपमेंट प्लान
दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही और प्रयागराज जिलों को जोड़कर क्षेत्रीय विकास कार्ययोजना तैयार की जानी है। सभी जनपदों को उसके व्यवहार और स्थानीय क्षमता के हिसाब से विभिन्न औद्योगिक परियोजना में लाने की तैयारी है।
मैकेंजी तैयार कर रही सर्वे प्लान
नीति आयोग के निर्देश पर एक वर्ष से वाराणसी रीजनल डेवलपमेंट प्लान को मंडलायुक्त के नेतृत्व में तैयार किया जा रहा है। दिल्ली की कम्पनी मैकेंजी सर्वे प्लान और विभिन्न विभागों से डाटा इकट्ठा कर रही है। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष वाराणसी दौरे पर सर्किट हाउस में प्लान की समीक्षा भी की थी।