उत्तर प्रदेश

योगी सरकार उप्र में UPS लागू करने की तैयारी कर रही है

Yogi government is preparing to implement UPS in Uttar Pradesh

लखनऊ। केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों लिए यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम यानी यूपीएस लागू करने का फैसला लिया है। सरकार ने राज्यों को भी इस मॉडल को लागू करने की छूट दी, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को यूपीएस के दायरे में लाने का फैसला किया। अब उत्तर प्रदेश सरकार भी जल्द ही राज्य में यूपीएस लागू करने की तैयारी कर रही है।

योगी सरकार केंद्र के आदेश का इंतजार कर रही है, इसके अध्ययन के आधार पर उत्तर प्रदेश में भी यूपीएस लागू कर दिया जाएगा। बताया गया कि सरकार इसको लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, सरकार इस बात का भी आकलन करेगी कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने से राज्य पर कितना आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसके आधार पर वित्‍त विभाग रिपोर्ट तैयार करेगा और सरकार से अनुमति लेगा।

बता दें कि यूपी में 2005 के बाद से शासकीय नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को न्‍यू पेंशन स्‍कीम के दायरे में रखा गया है। एक अनुमान के मुताबिक, प्रदेश में 17 लाख के करीब राज्य कर्मचारी हैं। यदि प्रदेश सरकार यूपीएस लागू करती है, तो इन सभी कर्मचारियों को फायदा होगा।

गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र सरकार राज्‍य में यूपीएस लागू करने का फैसला ले चुकी है। रविवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई थी।
ये मिलेंगे फायदे

केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई UPS के तहत 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को पूरी पेंशन का लाभ मिलेगा। यानी कोई कर्मचारी 25 साल काम करता है, तो अंतिम 12 माह के मूल वेतन की औसत राशि का 50 प्रतिशत उसे पेंशन के तौर पर दिया जाएगा। कर्मचारी की मौत होने पर आश्रित (पति या पत्नी) को 60 प्रतिशत राशि पारिवारिक पेंशन देने का प्रावधान किया गया है।

यूपीएस लगभग ओल्ड पेंशन स्‍कीम की तर्ज पर ही लाई गई है। हालांकि, इसमें सिर्फ अंतर इतना है कि कर्मचारियों को एनपीएस की तरह ही इसमें 10 प्रतिशत योगदान देना होगा। यूपीएस में मिलने वाली पेंशन राशि को महंगाई दर के साथ जोड़ा गया है। यानी जैसे-जैसे महंगाई बढ़ेगी, वैसे-वैसे पेंशन की राशि भी बढ़ेगी।

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