छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री कोण्डागांव जिले को देंगे 403 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात

रायपुर। भूपेश बघेल 24 सितम्बर को कोंडागांव जिले के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे नवनिर्मित बस स्टैंड, सेंट्रल लायब्रेरी, आदिवासी विकास भवन सहित विभिन्न कार्यों का लोकार्पण करेंगे। वे जिलावासियों को 403.68 करोड़ रुपए के 6108 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, जिनमें 131.4 करोड़ रुपए के 5293 कार्यों का लोकार्पण, 259.57 करोड़ रुपए के 813 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य शासन की योजनाओं के तहत हितग्राहियों को 13.6 करोड़ रुपए के राशि तथा 246 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे।

लोकार्पण

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विकास नगर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में जिन कार्यों का लोकार्पण करेंगे, उनमें जल जीवन मिशन अंतर्गत 26.03 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 24 ग्रामों की नल जल प्रदाय योजना, बटराली से चेरबेड़ा तक 17.30 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित सड़क मार्ग निर्माण, पुसपाल से मुखामारी तक 6.57 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित सड़क एवं पुल पुलिया, कोण्डागांव में 6.53 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक बस स्टैण्ड, कोण्डागांव में 06 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित सेंट्रल लाइब्रेरी, कोण्डागांव में 2 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित आदिवासी विश्रामगृह भवन के कार्य शामिल हैं।

भूमिपूजन

मुख्यमंत्री श्री बघेल जिन कार्यों का भूमिपूजन करेंगे उनमें अमृत मिशन अंतर्गत कोण्डागांव में जलापूर्ति हेतु 87 करोड़ 81 लाख रूपये की लागत से विभिन्न निर्माण कार्य, हड़ेली से कुधुर तक 26 करोड़ 04 लाख रूपये की लागत से पुल पुलिया सहित बनने वाली सड़क, 24.23 करोड़ रूपये की लागत से 18 ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन अंतर्गत निर्मित होने वाली नल जल प्रदाय योजना, चौड़ग से चलका तक 07 करोड़ 18 लाख रूपये लागत से पुल पुलिया सहित निर्मित होने वाली सड़क, मालाकोट बड़ेपारा से किबई बलेंगा तक 06 करोड़ 67 लाख रूपये लागत से पुल पुलिया सहित बनने वाली सड़क, 70 ग्रामों में चौक चौराहों की प्रकाश व्यवस्था हेतु 03 करोड़ 72 लाख रूपये लागत से लगने वाले सोलर हाई मास्ट संयंत्र स्थापना कार्य, धनोरा में 03 करोड़ 44 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाला आई.टी.आई भवन एवं 01 करोड़ 91 लाख रूपये के लागत से बनने वाला आई.टी.आई छात्रावास भवन शामिल है।

नियुक्ति पत्र वितरण

मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न 61 नियमित पदों पर नियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र, राजस्व विभाग में विभिन्न 15 नियमित पदों पर नियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र, रोजगार विभाग द्वारा आयोजित प्लेसमेंट कैंपों के माध्यम से विभिन्न संस्थानों के लिए चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र का वितरण, रोजगार मिशन अंतर्गत रोजगार मेलों के माध्यम से चयनित जिले के 193 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे।

इसी तरह मुख्यमंत्री श्री बघेल ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ के तहत कोंडागांव वन मंडल के 681 हितग्राहियों को टिश्युकल्चर बांस, सागौन एवं क्लोनल नीलगिरी के पौधरोपण हेतु 61 लाख 60 हजार रुपए का अनुदान, विदोहित इमारती लकड़ियों के विक्रय उपरांत प्राप्त राजस्व के 20 प्रतिशत लाभांश राशि के तौर पर 44 वन प्रबंधन समितियों को 12 करोड़ 45 लाख रुपए का वितरण करेंगे।

मक्का प्रोसेसिंग इकाई के लिए मक्का खरीदी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम में मां दंतेश्वरी मक्का प्रोसेसिंग इकाई कोकोड़ी में मक्का खरीदी का शुभारंभ भी करेंगे। गौरतलब है कि कोण्डागांव जिले के ग्राम कोकोड़ी में 140.67 करोड़ रूपये की लागत से निर्माणाधीन मक्का आधारित ईथेनॉल संयंत्र में विभिन्न सेक्शंस का ट्रायल एवं टेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है। टेस्टिंग के लिए आवश्यक मक्के के लिए आज से समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ की जा रही है। अब यहां के स्थानीय किसानों को समितियों के साथ प्लांट में मक्का विक्रय की सुविधा भी मिलेगी। मक्के की खरीदी के लिए मोबाईल एप्प भी बनाया गया है, जिससे किसानों को टोकन के लिए कहीं जाने की जरुरत नहीं होगी और निश्चित समय पर वे अपना मक्का बेच सकेंगे।

मक्का आधारित ईथेनॉल संयंत्र का निर्माण मां दंतेश्वरी समिति मर्यादित कोण्डागांव द्वारा किया गया है। जिसमें 25 प्रतिशत अंशपूंजी राज्य शासन द्वारा प्रदान की गयी है। इसके साथ ही 5 प्रतिशत अंशपूंजी के रूप में 7 करोड़ रूपये जिले के 48 हजार से अधिक कृषकों द्वारा सदस्य एवं शेयर धारक के रूप में साझा की गयी है। इस संयंत्र के निर्माण से जिले के 300 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। जिसमें कुशल एवं अकुशल श्रमिक शामिल हैं। इस संयंत्र में प्रतिदिन 80,000 हजार लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा, जिसके लिए प्रतिदिन 210 टन मक्के की आवश्यकता होगी। प्लांट में निर्मित ईथेनॉल की आपूर्ति ऑयल कंपनियों को की जायेगी। प्लांट में मानव संसाधन आपूर्ति हेतु नीति निर्माण का कार्य किया जा चुका है एवं स्थानीय ग्रामीणों के प्रशिक्षण का कार्य भी किया जा रहा है।

 

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