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नौसेना समुद्री क्षेत्र को सब तरह से सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध : एडमिरल कुमार

Navy is committed to keeping the maritime area safe in all respects: Admiral Kumar

नयी दिल्ली । नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा है कि नौसेना समुद्री क्षेत्र विशेष रूप से हिन्द महासागर को सभी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने पिछले सौ दिनोंं में ऑपरेशन संकल्प के तहत विभिन्न अभियानों में समुद्री डकैतों से 110 लोगों की जान बचाई है तथा 15 लाख टन से अधिक सामान को समुद्र के रास्ते उसके गंतव्य पर सुरक्षित पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एडमिरल कुमार ने समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा के लिए चलाये जा रहे ‘ऑपरेशन संकल्प’ के सौ दिन पूरे होने के मौके पर शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,“समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखना हमारा प्रमुख दायित्व है और नौसेना इसके लिए हर तरह से तैयार है।” उन्होंने कहा कि नौसेना के 35 युद्धपोत और पांच टोही विमान तथा हेलिकॉप्टर हिन्द महासागर से लेकर अदन की खाड़ी , उसके आस पास के क्षेत्रों , अरब सागर और साेमालिया के पूर्वी तट तक समुद्र में होने वाली गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा नौसेना की 11 पनडुब्बी भी अपने मिशन पर रहती हैं। इन अभियानों में पांच हजार से अधिक नौसैनिकों की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि वैसे तो नौसेना का ऑपरेशन संकल्प 2019 से चलाया जा रहा है लेकिन पिछले वर्ष इजरायल और हमास के बीच संघर्ष के बाद से समुद्री डकैती, जहाजों के अपहरण , मिसाइल तथा ड्रोन हमलों की घटनाएं बढी हैं। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए नौसेना ने गत 14 दिसम्बर को ऑपरेशन संकल्प का दायरा और शक्ति बढाते हुए इस चुनौती का डटकर मुकाबला करते हुए समुद्र की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की है। उन्होंने कहा,“ आज 23 मार्च को इस आपॅरेशन के 100 दिन पूरे हो गये हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा कि इसका मूल उद्देश्य हिन्द महासागर को पूरी तरह सुरक्षित बनाना है और यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि यह क्षेत्र हमारे देश के नाम से जुड़ा है और इसे सुरक्षित रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि इस दौरान नौसेना ने 18 घटनाओं में कार्रवाई की और हिंद महासागर क्षेत्र में ‘प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता’ और ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि नौसेना ने एमवी रुएन के अपहरण के मामले में कार्रवाई करके सबसे बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। नौसेना ने 450 व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान की है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि इस ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भारत में आने वाली आयात की वस्तुओं और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं के लिए सुरक्षित समुद्र मार्ग उपलब्ध कराना भी है। समुद्र के रास्ते मुख्य रूप से उर्वरक , कच्चे तेल तथा अन्य जरूरी वस्तुओं का आवागमन होता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के लिए विभिन्न क्षेत्रों में हर समय विभिन्न देशों तथा एजेन्सियों के 50 से अधिक पोत तैनात रहतेे हैं लेकिन भारत सबसे पहले कार्रवाई कर मदद करने की कोशिश करता है और इस मामले में उसकी अलग पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में समय-समय पर जरूरत पड़ने पर वायु सेना की भी मदद ली जा रही है।ऑपरेशन के दौरान नौसेना के 21 से अधिक युद्धपोतों पर सवार नौसैनिकों ने 450 से अधिक दिन समुद्र में बिताये हैं और विमान द्वारा निगरानी के लिए 900 घंटे की उडान भरी है। नौसेना ने विभिन्न अभियानों में 45 भारतीयों सहित 110 से अधिक लोगों की जान बचाई है। एडमिरल कुमार ने कहा कि ऑपरेशन संकल्प के दौरान नौसेना की नपी-तुली प्रतिक्रिया, सरलता और दृढ़ संकल्प की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा की गयी है।

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