छत्तीसगढ़

नगरीय निकाय की दो योजनाओं को स्वास्थ्य विभाग करेगा संचालित

Health department will run two schemes of urban body

 रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर से संचालित की जा रही दो योजनाओं को अब स्वास्थ्य विभाग में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने शहरी क्षेत्रों में संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट और धन्वंतरी योजना को शामिल करने का आग्रह किया। बैठक में मौजूद अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री के आग्रह को स्वीकार कर लिया। विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बताते चलें कि भूपेश सरकार में दोनों योजनाएं शुरू हुई थीं। इनके संचालन की जिम्मेदारी नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दिया गया था। भाजपा सरकार आने के बाद ही दोनों योजनाओं को स्वास्थ्य विभाग में शामिल करने की चर्चा शुरू हो गई थी। चार घंटे से अधिक समय तक चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुपेबेड़ा में लंबे समय से किडनी पीड़ित मरीज आ रहे हैं। इनके इलाज की सुविधा के लिए गरियाबंद में किडनी यूनिट आरंभ की गई है, लेकिन समस्या के स्थाई निदान पर भी काम करने की जरूरत है। इसके लिए बीमारियों के कारण जानने संबंधी जो भी रिसर्च किया जा सकता है, वह किया जाए। पंखाजूर जैसे क्षेत्रों में डायलिसिस सेंटर की स्थापना होनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्रदेश लिंगानुपात में बेहतर स्थिति में है। हमें इसे और अच्छा करने के लिए लगातार मानिटरिंग करने की जरूरत है। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पी दयानंद, डा. बसव राजू एस, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक जगदीश सोनकर आदि अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे में युक्तियुक्तकरण की जरूरत है। बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में स्वास्थ्य अमले की कमी है। वहां पर पर्याप्त स्वास्थ्य अमले की पदस्थापना की जाए। विशेषज्ञ डाक्टरों की पूर्ति के संबंध में मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पदस्थापना के समय विशेष रूप से यह ध्यान दिया जाए कि कहीं पर गाइनिकोलाजिस्ट की पदस्थापना की जाती है, तो वहां पर एनेस्थीसिया के चिकित्सक भी हों, जिससे आसानी से सीजेरियन डिलीवरी हो सके।

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