छत्तीसगढ़

देवरीखुर्द व मस्तूरी किरारी में वन विभाग की छापेमार कार्रवाई

Forest department's raid in Devrikhurd and Masturi Kirari

बिलासपुर। वनमंडल बिलासपुर ने सोमवार को दो आरा मिल सील कर दिया है। यह मिलें काष्ठ चिरान नियमों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से संचालित हो रही थीं। इसकी शिकायत लगातार विभाग के अफसरों को मिल रही थी। लिहाजा एक साथ दोनों मिल में छापामार कार्रवाई करने की योजना बनाई गई। एक जगह से रम्दा मशीन भी बरामद हुई है। इस कार्रवाई की भनक लगते ही टिम्बर एसोसिएशन के पदाधिकारी पहुंचकर विरोध करने लगे। उनके इस विरोध से कोई असर नहीं पड़ा। दोनों ही टीम डीएफओ सत्यदेव शर्मा व एसडीओ अभिनव कुमार के निर्देश पर दबिश दी। पहली टीम बिलासपुर रेंजर पल्लव नायक के नेतृत्व देवरीखुर्द स्थित अग्रहरि साल में पहुंची। उस समय संचालक डोमार प्रसाद अग्रहरि मिल में ही मौजूद था। इस टीम को देखकर वह सकते में आ गया। पहले उसे सर्च वारंट दिखाया गया। इसके बाद पड़ताल शुरू की गई। जांच के दौरान टीम को मिश्रित प्रजाति के लट्ठे, जिनमें फलदार जामुन, कसही, नीम व अन्य बबूल की लकड़ियां पाई गईं। आरा मिल में फलदार वृक्षों की कटाई या चिरान प्रतिबंधित है। जब मिल संचालक से इस संबंध में वैध दस्तावेज मांगे गए तो वह मौके पर दस्तावेज नहीं दिखा सका। इसके अलावा आवक-जावक रजिस्ट्रर, स्टाक पंजी भी आरा मिल में नहीं थी। इन सब के अलावा एक बड़ा उल्लंघन मिल तीन एचपी का मोटर लगी हुई रम्दा मशीन भी मिली। इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा था। रम्दा मशीन चलाने का भी दस्तावेज संचालक के पास नहीं था। इस पर मिल संचालक के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 व काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 की धारा 07, 08, 09, 10, 12 व 13 के तहत अपराध दर्ज कर सा मिल को सील कर दिया गया। इसके अलावा जब्त वनोपज की नामजोख कर आरा मिल मालिक के सुपुर्द किया गया है। रम्दा मशीन को जब्त कर टीम कार्यालय लेकर लौटी।

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