गौतम गंभीर ने बताया करियर का सबसे बड़ा पछतावा, नहीं चाहते थे एमएस धोनी करें ये काम
Gautam Gambhir told the biggest regret of his career, did not want MS Dhoni to do this work
नई दिल्ली । भारत के पूर्व दिग्गज ओपनर गौतम गंभीर ने अपने करियर के सबसे बड़े पछतावे का खुलासा किया है। गंभीर का कहना है कि वह साल 2011 में वनडे वर्ल्ड कप फाइनल को निनिश करना चाहते थे लेकिन चीजें उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहीं। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में वन डाउन उतरने के बाद 122 गेंदों में 9 चौकों की मदद से 97 रन की पारी खेली थी। भारत के सामने 275 रन का लक्ष्य था। गंभीर की पारी का उस वक्त अंत हुआ, जब भारत को जीत के लिए 52 रन की दरकार थे। उन्होंने एमएस धोनी के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रन की अहम साझेदारी की। गंभीर के पवेलियन लौटने के बाद धोनी ने मैच फिनिश किया। उन्होंने छक्का लगाकर भारत को चैंपियन बनाया। धोनी ने 79 गेंदों में 8 चौकों और 2 छक्कों की बदौलत नाबाद 91 रन बनाए। वह प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए थे।
गंभीर ने कोलकाता में एक इवेंट के दौरान कहा, ”काश मैंने वो गेम फिनिश किया होता। गेम फिनिश करना मेरा काम था। किसी और के लिए गेम फिनिश करने का काम नहीं छोड़ना चाहिए था। अगर मैं समय को पलट सकता तो मैं वापस जाकर लास्ट रन बनाऊंगा, चाहे मैंने कितने भी रन बनाए हों।” हालांकि, गंभीर से जब उनके बेस्ट कप्तान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे विवादित सवाल करार दिया। उन्होंने कहा, ”यह बहुत ही विवादास्पद प्रश्न है। मैं ईमानदारी से इस पर कोई हेडलाइन नहीं देना चाहता, हर किसी की अपनी ताकत और कमजोरी होती है। मैंने राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और (सौरव) गांगुली की कप्तानी में वनडे में डेब्यू किया।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने अनिल कुंबले के नेतृत्व में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और एमएस धोनी के नेतृत्व में भी मेरा दौर रहा। मैंने सबसे लंबे समय तक एमएस के नेतृत्व में खेला। मुझे एमएस के साथ खेलने और जिस तरह से उन्होंने टीम का नेतृत्व किया, उसका बहुत आनंद आया।” बता दें कि गंभीर टीम इंडिया का हेड कोच बनने की रेस में सबसे आगे हैं। उन्होंने इस हफ्ते के शुरू में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति को वर्चुअल साक्षात्कार दिया था। वह टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ की जगह हेड कोच का पद संभाल सकते हैं। उन्होंने बस इतना कहा, ”मैं इतना आगे नहीं देखता हूं। आप मुझसे सभी मुश्किल सवाल पूछ रहे हैं।”
गंभीर ने कहा, ”अभी जवाब देना मुश्किल है। मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि मैं अभी खुश हूं, अभी एक शानदार यात्रा खत्म हुई है और इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अभी बहुत खुश हूं।” उन्होंने कहा कि उनकी कोचिंग देने का आधार टीम को व्यक्तिगत खिलाड़ी से ऊपर रखना है। गंभीर ने कहा, ”अगर आपका इरादा किसी व्यक्ति से पहले टीम को आगे रखने का है तो चीजें अपने आप ठीक हो जायेंगी। आज नहीं तो कल, कल नहीं तो किसी और दिन, यह ठीक हो जाएगा।” गंभीर ने हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को तीसरा खिताब दिलाने में मदद की। गंभीर की कप्तानी में केकेआर ने 2012 और 2014 में ट्रॉफी जीती लेकिन 2024 में टीम मेंटोर के तौर खिताब जिताया।