छत्तीसगढ़

गिरिराज बता दें किस मंच पर आना है’: सीएम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर दिए गए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार किया है। सीएम ने कहा कि जितना धर्मांतरण बीजेपी के 15 सालों में हुआ, इससे पहले ना कभी हुआ और ना अब हो रहा है। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश के समय से धर्मांतरण पर कानून बना हुआ है और उसको यहां साल 2000 से जैसे का तैसा अडॉप्ट किया गया है।

सीएम ने कहा-प्रदेश में जिस जगह से भी धर्मांतरण की शिकायतें आ रही हैं, उस पर कार्रवाई हो रही है। कुछ फर्जी शिकायतें सामने आई हैं, इनमें कुछ शिकायतें सही भी थी और उस पर कार्रवाई की गई है और जहां तक बात गिरिराज सिंह की है तो वे इससे पहले एक आध बार ही छत्तीसगढ़ आए होंगे। मगर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के15 सालों में जितने चर्च बने हैं, उससे ना पहले बने हैं ना उसके बाद मेंं।​​​​

सीएम ने चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी उनके इस दावे का खंडन न करे। चर्च तभी बनेगा या पूजा स्थल तभी बनेगा, जब वहां के मानने वाले लोग रहेंगे, तब इसका मतलब यह है कि जितना धर्मांतरण 15 सालों में हुआ है, उसके पहले कभी नहीं हुआ।

‘बता दें किस मंच पर आना है’
MSP के मुद्दे पर बात करने के लिए केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीधे कांग्रेस को चुनौती दी है, जिसे स्वीकार करते हुए सीएम ने कहा कि उनकी चुनौती स्वीकार है, वे बता दें किस मंच पर आना है। UPA सरकार में कितना धान का भाव बढ़ा और एनडीए सरकार में कितना भाव बढ़ा, 10 साल उनके भी हो रहे हैं और 10 साल हमारे भी थे। उसमें कितना प्रतिशत एमएसपी बढ़ा और अभी कितना प्रतिशत बढ़ा है, हम बहस करने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री आज दुर्ग में कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में शामिल हुए हैं, इससे पहले बिलासपुर में संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
मुख्यमंत्री आज दुर्ग में कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में शामिल हुए हैं, इससे पहले बिलासपुर में संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
सीएम ने कहा कि उस समय डीजल पेट्रोल के भाव क्या थे और अभी क्या हैं, वे जिस मंच में आना चाहें, कोई भी कार्यकर्ता बैठकर उनसे बहस कर लेगा, कोई भी किसान बात कर लेगा, जो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट है, उतनी एमएसपी बढ़नी चाहिए। जब 1800 रू. एमएसपी थी, तब हमने 2500 रुपए में खरीदने का फैसला किया था तो यह स्पष्ट होता है कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट से हम थोड़ा बढ़ा कर ही दिए थे किसानों को और अब राजीव गांधी किसान न्या योजना लागू कर दी है, तो जितना समर्थन मूल्य बढ़ेगा उतनी राशि भी हमारे किसानों के लिए बढ़ जाएगी। 3 सालों से यही चल रहा है।

सैलजा की तरफ से मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड मांगने को लेकर कहा
सीएम ने इस मुद्दे पर कहा कि मंत्रियों के साथ मीटिंग हो गई है। विधायकों के साथ मीटिंग हो रही है, मुझसे भी कई बार कुमारी सैलजा की मीटिंग हुई है। वे प्रभारी हैं उनका काम ही है कि सब के कार्यों की समीक्षा करते रहना तो उनकी समीक्षा नहीं करेंगे तो निर्णय कैसे लेंगे, इसलिए जरूरी है सभी के कार्यों की समीक्षा करें। ।

थर्ड फ्रंट की चुनौती को लेकर कहा
जब अजीत जोगी जी कांग्रेस के भीतर थे तब हम सत्ता से बाहर थे, जैसे ही जोगी कांग्रेस से बाहर हुए, हम सत्ता में आ गए। नतीजों में कांग्रेस को 68 सीट मिली, जबकि भारतीय जनता पार्टी में 3 बार के शासन में रहे चांउर वाले बाबा कभी 60 का आंकडा छू नहीं पाए। हम तो 68 सीट जीते और जब उप चुनाव हुए तो उसमें 71 हो गए और अभी किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं का समर्थन और आशीर्वाद हमको मिल रहा है। किसान मजदूर सब का आशीर्वाद मिलेगा। ये आंकड़ा 71 से और आगे बढ़ेगा।

बीजेपी की पुरखा सम्मान यात्रा को लेकर कहा
CM ने कहा कि अब चुनाव है तब उनको याद कर रहे हैं, उसके अलावा उनके पास और क्या है। किसानों के सम्मान को लेकर नहीं जा सकते,मजदूरों को कभी कुछ दिए नहीं, लघु वनोपज संग्राहकों को भी कभी कुछ नहीं दिए। जूते चप्पल भले ही बांटे रहे थे, लेकिन एक पैर में 6 नंबर और दूसरे में 7 नंबर मिल रहा था । इनको तो पुरखौती सम्मान नहीं, बल्कि रमन सिंह ने जो मोबाइल बांटे हैं अगर वो जिनके पास बचा हो, उनकी सम्मान यात्रा निकालना चाहिए।

मोदी मित्र अभियान को लेकर कसा तंज
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार 5000 मोदी मित्र बना रही हैष जिसमें सभी मुस्लिम सभी गांव के लोग रहेंगे। छत्तीसगढ़ में इस तरह का भी अभियान चलाया जाएगा। जिसे लेकर सीएम ने तंज कसा है। सीएम ने कहा कि चुनाव जब पास आए, तब मित्र बनाएंगे और चुनाव के पहले तक के संप्रदायिकता के नाम से उनको गरियाएंगे, जिहादी बनाएंगे तो यह सब समझ रहे हैं, 10 साल बहुत होता है लोगों को समझने में तो भी सब समझ गए हैं कि भारतीय जनता पार्टी क्या है। इनका अनुषांगिक संगठन क्या है। इनके नेता क्या हैं, मुंह में राम बगल में छुरी।

वर्तमान विधायकों की टिकट काटने को लेकर कहा
जीतने वाले कैंडिडेट का क्राइटेरिया होता है, जो जीत सकता है, उनको टिकट दिया जाता है, लेकिन हमारे जो अधिकांश विधायक जिनकी बहुत अच्छी रिपोर्ट है। कुछ लोग हो सकते हैं जो साथी किसी कारण से, स्वास्थ्य कारणों से या और अन्य किसी कारणों से किसी की नाराजगी होगी तो उसको तीन चार महीने बाकी हैं, जिसमें उनकी स्थिति सुधरती है तो क्यों टिकट कटेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button