छत्तीसगढ़

कोर्ट ने आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया

The court issued notice to top officials and directed them to submit their reply.

बिलासपुर। मुख्यमंत्री जनदर्शन में अपनी परेशानी बताने जा रहे याचिकाकर्ता को पुलिस ने सीएम के पास पहुंचने से पहले ही उसे उठा लिया और थाने लेकर आ गए। मारपीट की और एट्रोसिटी एक्ट लगा दिया। जुर्म दर्ज करने के 10 महीने बाद भी पुलिस ने चालान पेश नहीं किया। याचिकाकर्ता ने पुलिस पर जबरिया जुर्म दर्ज करने का आरोप लगाते हुए एफआइआर को रद करने और दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। भिलाई निवासी सरदार सुखवंत सिंह ने अपने अधिवक्ता अनिल तावड़कर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह परिवहन के व्यवसाय के साथ-साथ स्वतंत्र पत्रकार भी हैं। भिलाई के पुराने मामले में सामान को छोड़ने के एवज मे शिकायतकर्ता नारद लाल तांडेकर एएसआइ ने गाड़ी छोड़ने के नाम पर 15 हजार रुपये की मांग की थी। जिसका भुगतान प्रार्थी के मोबाइल नंबर से शिकायतकर्ता के मोबाइल पेटीएम से आनलाइन भुगतान किया गया। इस भुगतान का प्रिंट आउट और कापी निकालकर आइजी, एलपी और डीजीपी से शिकायत की थी। इसके बाद एएसआइ को निलंबित कर दिया गया। इसके कुछ दिनों बाद एएसआइ के द्वारा ली गई राशि और लेनदेन की फोटो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने लगा। जिससे शिकायतकर्ता प्रार्थी से व्यक्तिगत विद्वेष रखने लगा। प्रार्थी ने सात अप्रैल 2023 को दुर्ग में मुख्यमंत्री के जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान शिकायत करने पहुंचा। जनदर्शन में शामिल होने के लिए टोकन भी प्राप्त कर लिया था। इसी बीच कुछ पुलिस वाले उसे उठाकर सीधे थाने ले आए। शिकायकर्ता एएसआइ के इशारे पर पुलिस वालों ने उसके साथ जमकर मारपीट की और एट्रोसिटी के तहत मामला भी दर्ज कर लिया। जुर्म दर्ज करने के 10 माह बाद भी पुलिस ने चालान पेश नहीं किया। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक,पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने एसपी दुर्ग को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले में शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने शिकायकर्ता एएसआइ को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है।

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