एससीईआरटी में अनोखा आयोजन : अधिकारी और प्राध्यापक बने छात्र
Unique event in SCERT: Students became officers and professors
आओ तुम्हें चांद पर ले जाएं का विशेष प्रस्तुतीकरण
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर हुआ प्रेरणादायक कार्यक्रम
कार्यक्रम की शुरुआत में एससीईआरटी के डायरेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा के निर्देशन में कक्षा 10 के संस्कृत पाठ्यक्रम पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन किया गया, जिसमें डॉ. लुनेश वर्मा ने खगोल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद, भारत सरकार और एनसीईआरटी द्वारा विकसित पोर्टल ’भारत ऑन द मून’ का प्रदर्शन किया गया, जिसमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग का वीडियो दिखाया गया। इस अवसर पर इसरो की गतिविधियों और पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री की जानकारी भी दी गई।
कार्यक्रम में उपस्थित एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक जे.पी. रथ ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इसरो की उपलब्धियों के पीछे हमारे गुरुओं का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सभी विज्ञान और गणित के शिक्षकों को इस आयोजन के लिए बधाई दी।
साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. चितरंजन कर ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर चर्चा की और कहा कि हमारे पास समृद्ध ज्ञान है, जिसके लिए प्रयोगशालाओं की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने विज्ञान और साहित्य के आपसी संबंधों पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक के.के. शुक्ला ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के महत्व पर प्रकाश डाला, जो चंद्रमा के 14 दिनों के उजाले में की गई थी। एससीईआरटी में यह आयोजन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि भारत की वैज्ञानिक उन्नति और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में हमारी प्रगति को भी दर्शाता है।
इस आयोजन में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत पांडेय, एससीईआरटी के संकाय सदस्य और सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण के लिए आए गणित और रसायन शास्त्र के 100 से अधिक विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।