छत्तीसगढ़

आगरा-मथुरा के इन मंदिरों में लागू हुआ ड्रेस कोड, ऐसे कपड़े पहनने पर नहीं मिलेगा प्रवेश

आगरा। मथुरा-आगरा के कई मंदिरों में अब से छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर में भारतीय परंपरा के मुताबिक ही कपड़े पहनने के लिए निर्देश दिए गए हैं। आगरा के कैलाश महादेव मंदिर समेत कई मंदिरों में छोटे कपड़ों में मंदिर आने पर पाबंदी लगाई गई है। आगरा की तरह ही मथुरा का राधा बल्लभ समेत कई मंदिरों में भी इसी तरह का निर्देश दिया गया है।

मंदिर प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं को कहा गया है कि अगर वो मंदिर आते हैं तो भारतीय परंपरा के अनुसार ही वस्त्र पहनकर आएं नहीं तो उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। मंदिर प्रशासन की ओर से इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। इसके साथ ही इससे संबंधित बोर्ड भी मंदिर के बाहर लगा दिया गया है जिसमें साफ तौर पर ये कहा गया है कि मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

आगरा के कैलाश महादेव मंदिर के मंहत पंकज गिरि ने इस बारे में कहा कि हमें परंपरागत मंदिरों में हिन्दू संस्कृति के मुताबिक ही कपड़े पहनकर आना चाहिए। ताकि किसी की धार्मिक मान्यताएं आहत न हो। इसी को देखते हुए मंदिर में छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगाई गई है। वहीं मथुरा के मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत योगेश पुरी ने भी उनकी बातों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रवेश के लिए भारतीय परिधान को ही आदर्श माना गया है, इसलिए श्रद्धालुओं के लिए ये जरूरी है कि वो भारतीय परिधान पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें।

आपको बता दें कि इससे पहले मथुरा के राधा बल्लभ, राधा दामोदर मंदिर में भी छोटे कपड़े पहनने पर मंदिरों में प्रवेश पर रोक लगाई जा चुकी हैं। बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने भी इसका समर्थन किया है मंदिर प्रशासन का कहना है कि अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने से लोगों की भावनाएं आहत होती हैं, ये सनातन संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए।

ये पहली बार नहीं है जब भक्तों की मंदिर में एंट्री के लिए ड्रेस कोड की बात की गई हो। दक्षिण भारत के कई मंदिरों में तो पहले से ही ड्रेस कोड को लागू किया गया है। वहीं उत्तराखंड में भी अब हर की पैड़ी पर जूते-चप्पल पहनकर जाने पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से प्लान भी तैयार किया जा रहा है।

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